पांच राज्यों में चुनाव नतीजे आने से पहले ही दिल्ली के लोगों की जेब पर मार पड़ने वाली है. दिल्ली को सीएनजी मुहैया कराने वाली कंपनी इंद्रप्रसथ गैस लिमिटेड ने आज आधी रात से 1.90 रुपए प्रति किलो तक बढ़ा दी गयी हैं. दिल्ली में इसका दाम 1.70 रुपये बढाया गया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के गैस क्षेत्र से उत्पादन में गिरावट की भरपाई के लिए मंहगे एलएनजी के आयात के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. राष्ट्रीय राजधनी में डिपो और और पाइप लाइनों के जरिए कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस (सीएनजी) का खुदरा कारोबार करने वाली एकमात्र कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने यहां जारी एक बयान में कहा गया कि आधी रात से दिल्ली में सीएनजी की कीमत पहले के मुकाबले 1.70 पैसे प्रति किलोग्राम बढ़कर 35.45 रुपए प्रति किलोग्राम हो गयी है.
आईजीएल ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में सीएनजी की कीमत 1.90 रुपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ाकर 39.80 रुपए प्रति किलोग्राम कर दी है.
सीएनजी की कीमत में इस साल हुई यह छठी बढ़ोतरी है. आईजीएल ने पिछली बार 31 दिसंबर को दिल्ली में सीएनजी की कीमत 1.75 रुपए प्रति किलो बढ़ाकर 33.75 रुपए प्रति किलोग्राम कर दी थी.
आईजीएल को आरआईएल को केजी-डी6 गैस क्षेत्र में उत्पादन घटने के कारण ज्यादा मात्रा में आयातित एलएनजी खरीदना पड़ रहा है. आयातित इर्ंधन की लागत रिलायंस के केजी-डी6 घरेलू गैस के लिए तय 4.20 डालर प्रति इकाई (एमएमबीटीयू) के मुकाबले कम से कम तीन गुना अधिक है. आईजीएल को पिछले सितंबर से केजी-डी6 से आपूर्ति नहीं हो रही है. उत्पादन में 40 फीसद की गिरावट के बाद सरकार को गैर प्राथमिक क्षेत्रों में आपूर्ति में कटौती करनी पड़ी ताकि बिली एवं उर्वरक संयंत्रों की जरूरत पूरी की जा सके.
आईजीएल के प्रबंध निदेशक एम रवींद्रन ने कहा ‘ आयातित एलएनजी पर निर्भरता बढ़ने के कारण प्राकृतिक गैस की कुल लागत में बढ़ोतरी के मद्देनजर हमें मजबूरन सीएनजी की खुदरा कीमत बढ़ानी पड़ रही है.’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सीएनजी बढ़ती मांग के मद्देनजर आईजीएल के पास घरेलू गैस की लागत के मुकाबले करीब तीन गुनी कीमत पर हाजिर बाजार से मंहगा एलएनजी खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.
रवींद्रन ने कहा कि इस बढ़ोतरी का वाहन चलाने की प्रति किलोमीटर लागत बहुत कम बढ़ेगी. उन्होंने कहा ‘आटो के लिए इस बढ़ोतरी से लागत पांच पैसे प्रतिकिलोमीटर बढ़ेगी जबकि टैक्सी के लिए लागत नौ पैसा बढ़ेगी. इधर बस की प्रति किलोमीटर लागत 48 पैसा बढ़ेगी जिसका मतलब होगा कि एक सवारी पर प्रति किलोमीटर एक पैसा से भी कम अतिरिक्त खर्च होगा.’