राष्ट्रपति चुनावों को लेकर कांग्रेस से अपने संबन्धों में आयी दरार के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच दरार डालने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनकी पार्टी उन लोगों के जाल में नहीं फंसेगी.
विधानसभा में गृह विभाग की बजटीय मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए ममता ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस माकपा के जाल में नहीं फंसेगी. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सदस्यों से आग्रह किया कि वे माकपा के उकसावे में नहीं आयें. उन्होंने कहा कि बढ़ती कीमतों के कारण गृह विभाग के बजट में दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
ममता ने जब कहा कि कीमतें बढ रही हैं, जबकि रुपये की कीमत घट रही है तो माकपा के एक सदस्य ने सवाल दाग दिया कि उनके पार्टी के समर्थन वाली केन्द्र में बैठी सरकार क्या कर रही है?
इस पर मुख्यमंत्री ने तपाक से कहा कि वे (सदस्य) इस बारे में अपनी पार्टी के ‘‘दोस्तों’’ से पूछें. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और माकपा के सदस्यों में तीखी नोक-झोंक हुई.
विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी जब सदन में व्यवस्था बहाल करने की कोशिश कर रहे थे तब मुख्यमंत्री ने उनसे आग्रह किया कि वह उन सभी सदस्यों को निलंबित कर दें जो सदन की कार्यवाही बाधित करने का प्रयास करते हैं, भले ही वे उनकी पार्टी के ही हों.
कांग्रेस सदस्यों ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पुलिस निष्पक्ष तरीके से काम कर रही है जबकि पिछली वाममोर्चा सरकार के कार्यकाल में ऐसा नहीं था.
मुख्यमंत्री से मतभेद के कारण इस वर्ष के पूर्वार्ध में खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस सदस्य मनोज चक्रवर्ती ने हालांकि मुख्यमंत्री से सवाल किया कि पार्क स्ट्रीट बलात्कार मामले में गलत सूचना देने वाले पुलिस अधिकारियों को उन्होंने दंडित क्यों नहीं किया. ममता ने दावा किया कि जंगलमहल इलाके से एक भी राजनीतिक हत्या की सूचना नहीं है और उनकी सरकार वहां शांति कायम करने को प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 के पहले पांच महीनों के वाममोर्चा के कार्यकाल में माकपा के 27 और तृणमूल कांग्रेस के 35 कार्यकर्ता मारे गये थे जबकि इस वर्ष अब तक तृणमूल कांग्रेस के केवल चार कार्यकर्ता मारे गये हैं.
ममता ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक 46 राजनीतिक बंदियों को रिहा किया गया है और आजीवन कारावास की सजा पाये 20 कैदियों को कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिहा कर दिया जायेगा.