केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल ने अन्ना हजारे और उनकी टीम को जोरदार झटका देते हुए सिटीजन चार्टर बिल, ज्यूडिशियल अकाउंटबिलिटी बिल को अपनी मंजूरी दे दी है.
इसके अलावा व्हिसल ब्लोअर बिल को भी कैबिनेट ने पास कर दिया है. अन्ना और उनकी टीम सिटीजन चार्टर बिल को लोकपाल बिल से अलग करने से खासे नाराज हैं.
अन्ना की मांग रही है कि सिटीजन चार्टर बिल लोकपाल बिल का ही हिस्सा होना चाहिए. आपको बता दें ज्यूडिशियल अकाउंटबिलिटी बिल और सिटीजन चार्टर बिल को तो कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
कैबिनेट की मंजूरी के बाद सिटीजन चार्टर बिल, व्हिसल ब्लोअर बिल और न्यायिक जवाबदेही बिल को संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा और उसके बाद पास होने के लिए संसद में पेश किया जाएगा.
इससे यह संकेत मिलने लगा है कि सरकार अन्ना हजारे की मांगों को अनदेखी करते हुए संसद को सर्वोच्च सिद्ध करने में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है. तो ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि 27 दिसंबर से होने वाला अन्ना का आंदोलन अब टलेगा नहीं और अन्ना एक बड़ा आंदोलन करेंगे.