सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि सच्चे लोकतंत्र में वास्तविक सत्ता आदर्श रूप में लोगों के हाथ में होनी चाहिए जो कि कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों में है.
हजारे ने भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के लिए मजबूत लोकपाल के बारे में जागरुकता फैलाने के अपने अभियान के तहत नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले की अपनी यात्रा के दौरान आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हालांकि भारत 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र देश बन गया था लेकिन वास्तविक सत्ता कुछ चुनिंदा लोगों के ही हाथों में है जबकि बहुसंख्यक लोग इससे वंचित हैं.
अन्ना हजारे ने कहा कि आज करोड़ों रुपये (सरकार की ओर से) खर्च किये जाते हैं लेकिन उसमें से केवल 10 प्रतिशत ही राशि लोगों तक पहुंचती है. ऐसी स्थिति में भारत का कोई भविष्य नहीं है.
उन्होंने सत्ता के केंद्रीकरण को देश में भ्रष्टाचार का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि सत्ता का विकेंद्रीकरण समय की आवश्यकता है तथा ग्राम सभाओं जैसे स्थानीय स्वशासन इकाइयों को मजबूत बनाये जाने की जरुरत है.