केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि उसने हज यात्रा पर जाने वाले मुस्लिमों को सरकारी सब्सिडी के संबंध में वर्तमान ‘पांच साल में एक बार’ की नीति को बदलते हुए ‘जीवन में एक बार’ की नीति अपनाने का फैसला किया है.
शीर्ष अदालत के समक्ष पेश हलफनामे में सरकार ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए नये दिशानिर्देश तैयार किये गये हैं कि कभी हज पर नहीं गये आवेदकों को प्राथमिकता दी जाए.
केन्द्र ने कहा कि यह बड़ा बदलाव है जिसे पहली बार पेश किया गया है कि भारतीय हज समिति (एचसीओआई) के जरिये आवेदन करने वाले हज तीर्थयात्रियों की संख्या वर्तमान ‘पांच साल में एक बार’ की नीति की जगह ‘जीवन में एक बार’ की नीति से सीमित की जाए.
केन्द्र ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि हाजी जीवन में केवल एक बार सरकारी सब्सिडी का फायदा उठा पाएं. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि प्राथमिकता उन आवेदकों को दी जाए जो कभी हज पर नहीं गए हैं.