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SC में राम सेतु पर केंद्र ने नहीं दिया जवाब

केंद्र ने पौराणिक रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के मुद्दे पर अपना कोई भी रुख पेश करने से इंकार कर दिया और उच्चतम न्यायालय से इस बारे में फैसला करने को कहा.

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उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय

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केंद्र ने पौराणिक रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के मुद्दे पर अपना कोई भी रुख पेश करने से इंकार कर दिया और उच्चतम न्यायालय से इस बारे में फैसला करने को कहा.

न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की पीठ के समक्ष अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल हरेन रावल ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के बाद फैसला किया है कि वह इसपर कोई रुख नहीं पेश करेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार 2008 में दायर अपने पिछले हलफनामे पर कायम रहेगी. इसमें उसने कहा था कि सरकार सभी धर्मों का सम्मान करेगी लेकिन उसकी राय है कि धर्मों के अस्तित्व को मान्यता देने के अलावा उससे आस्था के मुद्दों पर जवाब नहीं देने को कहा जाना चाहिए.

पीठ जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत ने इससे पहले गत 29 मार्च को केंद्र को इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था.

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पीठ ने कहा था कि अगर आप कहते हैं कि आप हलफनामा नहीं दायर करना चाहते हैं तो हम मामले में दलील पर आगे बढ़ सकते हैं. रामसेतु से जुड़ा मामला न्यायिक जांच के दायरे में तब आया जब शीर्ष अदालत में महत्वाकांक्षी सेतु समुद्रम परियोजना के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गईं. इसे बनाए जाने से कथित तौर पर पौराणिक पुल को नुकसान पहुंच सकता है.

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