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सरबजीत को खुद भारत लाने वाला थाः अवैस शेख

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत की रिहाई पर शुरू हुए नाटकीय घटनाक्रम के बीच सरबजीत के वकील अवैस शेख का कहना है कि सरबजीत की रिहाई तय थी और वह खुद उन्हें लेकर भारत आने वाले थे.

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सरबजीत
सरबजीत

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत की रिहाई पर शुरू हुए नाटकीय घटनाक्रम के बीच सरबजीत के वकील अवैस शेख का कहना है कि सरबजीत की रिहाई तय थी और वह खुद उन्हें लेकर भारत आने वाले थे.

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पाकिस्तान सरकार द्वारा सरबजीत की रिहाई का ऐलान करने के कुछ ही घंटे बाद इस फैसले से पीछे हटने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शेख ने कहा कि इससे दुनियाभर में पाकिस्तान का नाम खराब होगा.

सरबजीत की रिहाई के ऐलान से बेहद खुश शेख ने मंगलवार रात सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए से कहा था, ‘सरबजीत की रिहाई पक्की है. तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन अगले तीन चार दिन में सरबजीत को लेकर मैं खुद भारत आ रहा हूं.’

यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान सरकार का अगला कानूनी कदम क्या होगा, शेख ने कहा, ‘यह अंतिम दौर था, जो आज पूरा गया. राष्ट्रपति ने फांसी की सजा माफ कर दी है. सरबजीत की अब केवल रिहाई होनी है जो तीन चार दिन में हो जाएगी और मैं खुद उन्हें लेकर भारत आ रहा हूं.’

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उन्होंने कहा, ‘मैं इससे काफी उत्साहित हूं और सरबजीत से जुड़े इस पूरे घटनाक्रम पर किताब लिखूंगा. सरबजीत मामले में ताजा घटनाक्रम के बाद शेख ने बुधवार की सुबह लिखा, ‘पाकिस्तान ने इस मामले में नाटकीय मोड़ लिया है. अब सरबजीत सिंह नहीं सुरजीत सिंह रिहा किये जा रहे हैं हालांकि कुछ घंटे पहले पाक राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने टीवी पर इस बात की पुष्टि की थी कि राष्ट्रपति ने सरबजीत सिंह की फांसी की सजा माफ कर दी है.’

उन्होंने लिखा है, ‘इस यू टर्न से पाकिस्तान का नाम बदनाम होगा. यह पाकिस्तान का गैर जिम्मेदाराना रवैया है जो सरबजीत सिंह के परिवार, भारतीय जनमानस की भावना और दुनिया भर के लोगों के साथ क्रूर मजाक है. इससे गलत संदेश गया है और इससे दुनिया भर में पाकिस्तान का नाम खराब होगा.’

पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार की शाम ऐलान किया था कि पिछले 20 वर्ष से अधिक समय से लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया है और चूंकि वह अपनी सजा काट चुके हैं इसलिए उन्हें जरूरी औपचारिकताएं पूरी होते ही रिहा कर दिया जाएगा.

इस ऐलान का भारत ने स्वागत किया था और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने इस सद्भावनापूर्ण कदम के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को धन्यवाद दिया.

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लेकिन कुछ घंटे के भीतर ही तस्वीर बदल गई और पाकिस्तान ने यू टर्न लेते हुए कहा कि वह सरबजीत सिंह को नहीं बल्कि एक अन्य भारतीय कैदी सुरजीत सिंह को रिहा करने जा रहा है.

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