केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने महंगाई पर दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया. उन्होंने कहा, 'मैंने किसी का मजाक नहीं उड़ाया था बल्कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.'
एक दिन पहले ही पी चिदंबरम ने अनाज के दामों में बढ़ोतरी को लेकर आम लोगों का मजाक उड़ाया और जब मामला गरमाया तो ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया कि उनकी बातों का गलत मतलब निकाला गया.
चिदंबरम के बयान पर गृह मंत्रालय की तरफ से दी गई है सफाई और कहा गया है कि जिस तरह से उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, उससे वो बहुत ही आहत हैं. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि गृह मंत्री ने तो गरीबों के फायदे की बात की थी. उन्होंने तो कभी किसी का मजाक उड़ाया ही नहीं.
उन्होंने कहा कि अगर किसानों के लिए समर्थन मूल्य बढ़ेगा तो अनाज के दाम तो बढ़ेंगे ही. उनकी पूरी बातचीत में किसी भी खास वर्ग पर निशाना नहीं था. उन्होंने तो अपनी पूरी बातचीत में 'हम' शब्द का इस्तेमाल किया था. फिर भी उनकी बातों का गलत मतलब निकाया गया. जाहिर है, चिदंबरम का बयान आम लोगों के लिए एक मजाक से कम नहीं है. पॉकेट पर बढ़ता बोझ और उसपर से ऐसा हमला. अब विपक्ष ने भी एक सुर से चिदंबरम पर हमला शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि मंगलवार को कहा था कि लोगों को 15 रुपए की बोतल खरीदने में कोई परेशानी नहीं, लेकिन अगर चावल-दाल के दाम 1 रुपए बढ़ते हैं तो हायतौबा मचती है. भाजपा ने इसे आम आदमी का अपमान बताया था और कहा कि कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए.
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए पी चिदंबरम ने कहा था कि पानी की बोतल के लिए जब 15 रुपए देने में कोई परेशानी नहीं तो फिर चावल और गेहूं की कीमत 1-2 रुपए बढ़ती है तो हाय तौबा क्यों मचता है.