केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा उनके चुनाव को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुनाये जाने के परिप्रेक्ष्य में इस्तीफा देने की संभावना से साफ इनकार किया. उन्होंने कहा कि यह फैसला उनके लिए नहीं बल्कि याचिकाकर्ता के लिए झटका है.
चिदंबरम ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि वह दोनों नेताओं की भारी नादानी से चकित हैं.
उन्होंने कहा कि यह एक चुनाव याचिका है. ऐसी 111 याचिकाएं 15वीं लोकसभा के सदस्यों के खिलाफ दायर हैं.
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने चुनाव याचिका को रद्द करने के चिदंबरम के आग्रह को ठुकरा दिया. यह याचिका चिदंबरम से चुनाव हारने वाले अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार आर एस राजाकण्णप्पन ने दायर की थी.
अदालत ने राजाकण्णप्पन की याचिका में से दो पैरा हटा दिये, जिनमें निर्वाचन अधिकारी, सरकार और बैंक अधिकारियों के खिलाफ आरोप थे.
चिदंबरम ने कहा कि चुनाव याचिका में केवल आरोप लगाये गये हैं. अभी मुकदमा शुरू नहीं हुआ है. किसी गवाह से पूछताछ नहीं हुई है.
याचिका को आंशिक रूप से मंजूर किया गया है. निर्वाचन अधिकारी, पुलिस अधिकारियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों तथा बैंक अधिकारियों के खिलाफ लगाये गये आरोपों वाले पैरा-4 और 5 को हटा दिया गया है.