सरकार ने निर्धारित समय के अंदर लोक सेवा उपलब्ध कराने एवं शिकायतों के निवारण के लिए प्रतिबद्ध एक विधेयक बुधवार को प्रस्तुत किया.
शिकायत निवारण नागरिक अधिकार विधेयक, 2011 में सिटीजन चार्टर के उल्लंघन के मामलों, प्रत्येक सरकारी विभाग द्वारा सिटीजन चार्टर का क्रिन्यावयन, निश्चित समय पर सेवा न देने या शिकायत न दूर करने की स्थिति में लोकसेवकों के दायित्वों की पहचान एवं जुर्माना लगाना शामिल है.
विधेयक के बारे में बात करते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'सिटीजन चार्टर की व्याख्या विभागों द्वारा विभिन्न स्तरों पर की जाएगी. इसमें पंचायत, शहरी निकाय, राज्य एवं केंद्र शामिल हैं. प्रत्येक विभाग में शिकायत निवारण अधिकारी होगा.'
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के साथ संयुक्त रूप से सम्बोधित करते हुए सामी ने कहा कि विधेयक को कार्मिक विभाग की वेबसाइट पर 21 दिनों के लिए रखा जाएगा ताकि लोग इस पर अपना विचार व्यक्त कर सकें. उन्होंने कहा, 'हम मंत्रिमंडल से स्वीकृति के बाद संसद के शीतकालीन सत्र (22 नवम्बर से 21 दिसम्बर) में इस विधेयक को पेश करना चाहेंगे.'
नारायणसामी ने कहा कि यह विधेयक समवर्ती सूची के अंतर्गत केंद्रीय कानून बनेगा और इसकी परिधि में सभी केंद्रीय योजनाएं एवं केंद्र सरकार के विभाग आएंगे. रमेश ने कहा कि यह विधेयक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन द्वारा प्रस्तुत अधिकार आधारित दृष्टिकोण के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर है. उन्होंने कहा, 'इस विधेयक से लोगों को कानूनी अधिकार मिल जाएगा.'