संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में जल्द सुधार के लिए माहौल बनाते हुए भारत ने कहा कि कई देश विश्व मामलों में अपना योगदान देने के उत्सुक हैं और परिषद के विस्तार में रुकावट ज्यादातर देशों के लिए ‘अस्वीकार्य’ है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सुरक्षा परिषद में जल्द सुधार को लेकर सदस्यों के बीच ‘तीव्र इच्छा’ है ताकि परिषद समकालीन वास्तविकताएं दर्शाए और 1945 में अपने गठन के बाद से विश्व में आए बदलावों को स्वीकारे.
पुरी ने सुरक्षा परिषद में सदस्यता बढ़ाने और यथार्थ प्रतिनिधित्व पर अंतरसरकारी वार्ता के आठवें दौर में कहा कि कई देश अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के बनाये रखने सहित विश्व के मामलों में अपना असरदार योगदान देने के लिए निश्चित रूप से इच्छुक हैं.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में कुछ हिस्सों से मिली कड़ी प्रतिक्रिया ज्यादातर सदस्यों को अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि स्थायी और अस्थायी श्रेणियों में विस्तार वाले सुधार माडल की मांग मौलिक है और यह असली वार्ता का शुरुआती बिन्दु होना चाहिए.
पुरी ने कहा कि जो इस प्रारूप का विरोध कर रहे हैं उनकी संख्या अधिक नहीं हैं. पुरी ने कहा कि प्रतिनिधि बढाने को लेकर अफ्रीका, एशिया, पूर्वी यूरोप, दक्षिण अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र से कोई विरोध का स्वर नहीं है.
उन्होंने कहा कि नए स्थायी सदस्यों को वर्तमान सदस्यों जैसा मानने की पुरजोर मांग है और यह हर दिन बढ़ती जा रही है. पुरी ने कहा कि भारत अफ्रीकी महत्वाकांक्षाओं को वीटो के साथ स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है. पुरी ने उम्मीद जताई कि उनके सुझावों को मसौदा प्रस्ताव या रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा जिसे महासभा स्वीकार कर सकती है.