असम के कोकराझार और चिरांग जिलों में हिंसा की ताजा घटनाओं की खबरें मिली हैं, जबकि बोडो आदिवासियों और अल्पसंख्यक प्रवासियों के बीच संघर्ष बोंगईगांव जिले तक फैल गया है.
पुलिस ने कहा कि कोकराझार जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है, जबकि चिरांग और धुबरी जिलों में रात का कर्फ्यू जारी रहेगा. इस जातीय संघर्ष में 21 लोग मारे गये हैं.
इस हिंसा से हजारों लोग बेघर हो गये हैं जिनमें से ज्यादातर ने कोकराझार में सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत शिविर में शरण ली है, जबकि चिरांग में लोग स्कूलों और स्थानीय क्लब की इमारतों में रह रहे हैं.
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने वरिष्ठ मंत्रियों नीलमणि सेन डेका और पृथ्वी मजही को कोकराझार भेजा है, जबकि सभी दलों के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को हिंसा प्रभावित इलाके में जाने का कार्यक्रम है.
इस हिंसा की शुरूआत दो छात्र नेताओं ऑल बोडोलैंड माइनॉरिटी स्टूडेंट यूनियन के मोहिबुल इस्लाम और ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट यूनियन के अब्दुल सिद्दिकी शेख पर गोलीबारी के बाद भड़की. इस गोलीबारी में दोनों नेता गंभीर रूप से घायल हो गये.