कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े ने सुझाव दिया कि कॉरपोरेट जगत और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को भी जन लोकपाल विधेयक के दायरे में लाया जाना चाहिए.
अन्ना पक्ष द्वारा तैयार विधेयक के दायरे में कॉरपोरेट जगत और गैर सरकारी संगठनों के नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर हेगड़े ने संवाददाताओं से कहा, ‘ उन्हें शामिल किया जाना चाहिए. मैं इसके पक्ष में हूं.’ उन्होंने कहा कि वह उन्हें लोकपाल के दायरे में लाए जाने का सुझाव देंगे.
अपने को अब ‘फ्रीलांसर’ बताते हुए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हेगड़े ने कहा कि विधेयक ‘काफी मजबूत’ है ना कि ‘भयानक’ जैसा पेश किया जा रहा है. जानबूझकर यह कहा जा रहा है कि जनलोकपाल किसी के प्रति ‘उत्तरदायी नहीं है.’ उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाला निकाय उच्चतम न्यायालय के प्रति जवाबदेह है और हर फैसले को अदालत में चुनौती दी जा सकती है.
हेगड़े ने उम्मीद जतायी कि संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक को पेश किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से निबटने के लिए देश में पर्याप्त कानून हैं लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जा रहा है. लोगों में यह भ्रांति है कि प्रधानमंत्री का पद भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत नहीं आता और जांच एजेंसियां सभी लोक सेवकों की जांच कर सकती हैं.
हेगड़े ने कहा कि जहां तक प्रधानमंत्री का सवाल है, सीबीआई या दिल्ली पुलिस को जांच की जिम्मेदारी लेनी चाहिए लेकिन वे नहीं कर रही हैं.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के प्रमुख और पूर्व प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन के संबंधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में हेगड़े ने कहा कि अगर कोई आधार है तो उनकी जांच की जानी चाहिए. कर्नाटक में अवैध खनन पर अपनी रिपोर्ट के बारे में हेगड़े ने कहा कि रिपोर्ट पर कार्रवाई राज्य सरकार को करनी है. ‘मैंने रिपोर्ट में मंत्रियों, राजनेताओं और कारोबारी घरानों के अलावा करीब 700 अधिकारियों का नाम लिया है.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा. दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पर आरोप लगाया गया है.’ हेगड़े ने कहा कि उन्हें गोवा के लोकायुक्त के पद की पेशकश नहीं की गयी है. ‘मुझे इस पद की पेशकश नहीं की गयी है. यह पद उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश के लिए है और उम्र की सीमा 70 साल है और मैं 72 साल पार कर चुका हूं.’ विधानसभाध्यक्ष जी कार्तिकेयन ने उन्हें यहां एक समारोह में ‘नीति रत्न’ सम्मान प्रदान किया.