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आंतरिक सुरक्षा केंद्र व राज्य की साझा जिम्मेदारी: चिदंबरम

आतंकवाद के मुकाबले के लिए एक संस्थान की स्थापना को लेकर गैर कांग्रेस शासित राज्यों की आलोचनाओं के बीच केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि देश की सुरक्षा केंद्र तथा राज्य सरकारों की साझा जिम्मेदारी है.

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पी. चिदंबरम
पी. चिदंबरम

आतंकवाद के मुकाबले के लिए एक संस्थान की स्थापना को लेकर गैर कांग्रेस शासित राज्यों की आलोचनाओं के बीच केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि देश की सुरक्षा केंद्र तथा राज्य सरकारों की साझा जिम्मेदारी है.

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उन्होंने कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर एनएसजी हब के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में कहा, ‘देश की सुरक्षा में केंद्र और राज्य सरकारों की साझा जिम्मेदारी है. भारतीय संविधान कानून व्यवस्था का काम राज्य सरकार को सौंपता है और बाहरी हमलों या आंतरिक अड़चनों से देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र को देता है.’ चिदंबरम ने कहा कि संविधान के निर्माताओं ने अनुच्छेद 355 बहुत सोच समझकर बनाया.

उन्होंने कहा, ‘तभी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा को साझा जिम्मेदारी बनाया.’ गृहमंत्री ने समारोह में कहा, ‘आतंकवाद, किसी तरह के उग्रवाद या विद्रोह के मुकाबले के लिए मेरे ऊपर राज्यों के साथ मिलकर काम करने की जिम्मेदारी है.’

इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिरकत नहीं की. इससे पहले वह राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) के गठन की केंद्र की योजना के खिलाफ आधा दर्जन गैर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सुर में सुर मिला चुकी हैं. उनका कहना है कि यह संविधान के संघीय प्रावधानों की अवज्ञा करता है और राज्यों के अधिकारों को छीनने का प्रयास है.

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हालांकि चिदंबरम ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में ना तो एनसीटीसी को लेकर उठे विवाद का जिक्र किया और ना ही उन्होंने इस पर मुख्यमंत्रियों की आपत्ति को लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की. चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों में सत्तारूढ़ राजनीतिक दलों के आधार पर उनसे भेदभाव नहीं करती. उन्होंने कहा कि केंद्र ने पश्चिम बंगाल में पूर्ववर्ती सरकार के साथ काम किया और हम नयी सरकार के साथ काम करते हुए खुश हैं.

उन्होंने कहा कि जंगलमहल में नक्सलियों द्वारा बने हालात पर नयी सरकार ने लगातार नियंत्रण बना रखा है और राज्य की कुल मिलाकर परिस्थिति में सुधार हुआ है. गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं पश्चिम बंगाल सरकार की प्रशंसा करना चाहता हूं कि उन्होंने हालात को सुधारने के लिए कदम उठाये हैं. मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में काफी सुधार होगा.’

चिदंबरम ने कहा, ‘भारत सरकार राज्य सरकारों के साथ काम करते हुए खुश है. हम ओड़िशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे संकटग्रस्त राज्यों में अलग अलग राजनीतिक दलों के साथ काम करते हैं और इनमें से किसी में भी कांग्रेस का शासन नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद के प्रति हमारा रवैया एकसमान है और इसमें हम यह नहीं देखते कि राज्य में किसकी सरकार है.’ चिदंबरम के मुताबिक केंद्र सरकार चाहती है कि एनएसजी का कोलकाता हब लघु क्षेत्रीय केंद्र बनकर देश के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी काम करे.

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उन्होंने कहा, ‘जब सभी सुविधाएं पूरी तरह तैयार होंगी तो कोलकाता की सुविधाएं मुंबई में या चेन्नई की सुविधाओं से दोगुनी होंगी.’ समारोह में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और जहाजरानी राज्य मंत्री मुकुल रॉय भी मौजूद थे.

आंतरिक सुरक्षा को जटिल मुद्दा बताते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘मैं अपने सहयोगियों मुकुल रॉय और अन्य लोगों को विश्वास दिला सकता हूं कि हम नक्सली समस्या को पूरी तरह हटा देंगे और बंगाल को इस संकट से निकालेंगे.’ चिदंबरम ने कहा, ‘राज्य और केंद्र की एजेंसियां मिलकर काम करते हुए पश्चिम बंगाल के हालात में काफी सुधार लाई हैं.’

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