scorecardresearch
 

अरुंधति राय और गिलानी के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज करने का आदेश

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी तथा लेखिका अरूंधति राय के खिलाफ कथित रूप से भारत विरोधी भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.

Advertisement
X

दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को हुर्रियत कान्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी और लेखिका अरुंधति राय और पांच अन्य के खिलाफ भारत विरोधी भाषण देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया.

Advertisement

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नविता कुमारी बाघा ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस को भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और छह जनवरी 2011 को मामले की अगली सुनवाई के दौरान इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है.’

अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा सौंपी गई स्थिति रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि गिलानी और अन्य के खिलाफ राजद्रोह का कोई अपराध नहीं बनता. अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ अकाट्य सबूत हैं और उसने पुलिस से आरोपों की और जांच करने और अनुपालन रिपोर्ट दायर करने को कहा.

अदालत ने इससे पहले राय और गिलानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाली सुशील पंडित की 28 अक्तूबर की शिकायत पर उचित स्थिति रिपोर्ट दायर करने में विफल रहने के लिए पुलिस की खिंचाई की थी. गिलानी और राय की अतिरिक्त शिकायत में पांच अन्य के खिलाफ भी अभियोग चलाने की मांग की गई है. इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एस ए आर गिलानी, जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन भी शामिल हैं.

Advertisement

शिकायत के अनुसार आरोपियों ने यह बयान अक्तूबर में ‘आजादी-द ओनली वे’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में दिया था. हुर्रियत नेता गिलानी के साथ मंच पर राय और माओवादी समर्थक नेता वारवरा राव भी थे. गिलानी को दर्शकों के विरोध का सामना करना पड़ा था.

एक नवंबर को सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत अदालत में दायर शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सरकार भारत विरोधी सेमिनार के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने में बुरी तरह विफल रही इसलिए उनके खिलाफ एक निजी शिकायत दाखिल की गई है.

Advertisement
Advertisement