दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व ले. जनरल तेजिन्दर सिंह द्वारा दायर आपराधिक अवमानना याचिका पर थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह और चार अन्य को समन जारी करने के संबंध में अपना आदेश 26 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया.
तेजिन्दर सिंह ने इस बात से इनकार किया है कि एक रक्षा सौदे के लिए उन्होंने 14 करोड़ रुपए की पेशकश की थी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एमएम जसजीत कौर ने तेजिन्दर सिंह की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया. इसके पहले उनके वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और उन्होंने अपनी शिकायतत के पक्ष में सबूत भी दे दिया है.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने तेजिन्दर सिंह की शिकायत पर अपना आदेश 10 अप्रैल को सुरक्षित रख लिया था. उन्होंने शनिवार को कार्यवाही नहीं की, क्योंकि वह एक प्रशिक्षण सत्र में शामिल हो रहे हैं और इस मामले की सुनवाई एमएम कौर को करनी थी.
रक्षा खुफिया एजेंसी के पूर्व निदेशक तेजिन्दर सिंह ने थलसेना प्रमुख और चार अन्य के खिलाफ अवमानना शिकायत दर्ज करायी थी. उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि वाहन सौदे के लिए उन्होंने रिश्वत की पेशकश की थी.
तेजिन्दर सिंह ने थलसेना प्रमुख के अलावा थलसेना के उप प्रमुख एसके सिंह, ले. जनरल बीएस ठाकुर और मेजर जनरल एसएल नरसिम्हन और हिट्टेन साहनी के खिलाफ आरोप लगाया है. पिछली सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा था कि ट्रक सौदा मामले में उनके खिलाफ रिश्वत की पेशकश संबंधी आरोप गलत हैं.
थलसेना प्रमुख ने एक मीडिया साक्षात्कार में दावा किया था कि हाल ही में सेवानिवृत्त हुए एक लॉबिस्ट ने कम गुणवत्ता वाले 600 ट्रकों की खरीद से संबंधित फाइल को मंजूरी देने के लिए उन्हें 14 करोड़ रुपए की पेशकश की थी.