लगातार बढ़ती संख्या के साथ अब स्मार्टफोन पर साइबर अपराधियों की निगाह है. पर्सनल कंप्यूटर के बाद अब साइबर अपराधियों का लक्ष्य अब स्मार्टफोन विशेषकर एंड्रायड ऑपरेटिंग प्रणाली वाले फोन हो गए हैं.
सिमेन्टेक के प्रबंध निदेशक बिक्री (भारत और दक्षेस) आनंद नाइक ने कहा, ‘प्रमुख मोबाइल प्लेटफार्म पर अब साइबर अपराधियों की निगाह है. सिमेन्टेक का अनुमान है कि स्मार्टफोन पर अब साइबर हमलों में इजाफा होगा.’
इसी तरह की राय जाहिर करते हुए मैकेफी लैब्स के उत्पाद प्रबंधक वीनू थॉमस ने कहा, ‘अब स्मार्टफोन ज्यादा सशक्त और लोकप्रिय हो रहे हैं. हम पीसी से उनकी ओर खतरा बढ़ता देख रहे हैं.’ हालांकि, कंप्यूटरों के लिए जोखिम कम नहीं हुआ है. वहीं अब साइबर अपराधी मोबाइल को लक्ष्य करने वाला मालवेयर बना रहे हैं.
नाइक ने कहा, ‘मोबाइल क्षेत्र में जोखिम का स्तर बढ़ रहा है, मालवेयर बनाने बनाने वाले केवल मोबाइल उपकरणों के लिए नए सिरे से मौजूदा मालवेयर नहीं बना रहे हैं, बल्कि वे विशेष रूप से मोबाइल को लक्ष्य करने वाले मालवेयर बना रहे हैं.’
स्मार्टफोन धारकों के लिए मोबाइल मालवेयर जो प्रमुख खतरा पैदा करते हैं, उनमें महंगी दरों वाला एसएमएस, उपकरण के आंकड़े जुटाना, प्रयोगकर्ता की जासूसी, उपकरण के गंतव्य पर निगाह, सेटिंग में बदलाव, स्पैम भेजना, बैंकिंग लेनदेन के लिए उपकरण की निगरानी आदि शामिल हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि टैबलेट और स्मार्टफोन की बिक्री पीसी की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. कर्मचारी अब कार्यालय में ही अपने उपकरण लाते हैं. ऐसे में इन प्लेटफार्म पर हमलों की गुंजाइश बढ़ रही है.
सिमेन्टेक की आंतरिक सुरक्षा खतरा रिपोर्ट-17 के अनुसार, अब साइबर अपराधी अपना ध्यान मोबाइल उपकरणों पर केंद्रित कर रहे हैं. पिछले साल मोबाइल फोन पर हमले का अंदेशा 93 फीसद बढ़ा है. इनमें से ज्यादातर हमले गूगल के एंड्रायड आपरेटिंग सिस्टम पर हो रहे हैं.
थॉमस ने कहा कि 2011 के मध्य तक एंड्रायड स्मार्टफोन पर हमलों की संख्या सैकड़ों में थी, जो अब हजारों यानी लगभग 7,000 पर पहुंच चुकी है. हमारा डेटाबेस में कुल मोबाइल मालवेयर नमूनों का आंकड़ा 8,000 से अधिक हो चुका है.