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बैठकों में शरीक होने से कम होती अक्ल?

अगर आप अपने दफ्तर में रोजाना बैठकों में शामिल होते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि इससे आपकी सोचने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो सकती है. यह चौंकाने वाला दावा एक अध्ययन में किया गया है.

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मीटिंग
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अगर आप अपने दफ्तर में रोजाना बैठकों में शामिल होते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि इससे आपकी सोचने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो सकती है. यह चौंकाने वाला दावा एक अध्ययन में किया गया है.

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अमेरिका के ‘वर्जीनिया टेक क्रिलियन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ का कहना है कि बैठकों में शामिल होने वालों के बुद्धि स्तर (आईक्यू) की जांच की गई तो वह अन्य लोगों के मुकाबले काफी कम रही. अध्ययन में कहा गया है कि बैठकों में शामिल होने के बाद महिलाओं में सोचने-समझने की क्षमता पुरुषों के मुकाबले ज्यादा प्रभावित होती है.

समाचार पत्र ‘डेली टेलीग्राफ’ के मुताबिक अध्ययन का नेतृत्व करने वाले रीड मोंटाग ने कहा, ‘आप इसको लेकर मजाक बना सकते हैं कि बैठकों में शामिल होने से कैसे दिमाग पर बुरा असर होता है, लेकिन अध्ययन के नतीजे ये बता रहे हैं कि बैठकें आपकी अक्ल को प्रभावित कर सकती हैं.’

अध्ययन में दो विश्वविद्यालयों के छात्रों को शामिल किया गया, जिनका आइक्यू एक दूसरे के मुकाबले औसतन 126 था. बैठकों में शामिल होने के बाद जब इनके कामकाज को लेकर अध्ययन किया गया तो पता चला कि इनकी क्षमता बैठकों में शामिल नहीं होने वाले अपने सहकर्मियों के मुकाबले कहीं कम हो गई है.

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