इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने पूर्व पाकिस्तानी लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को स्पॉट फिक्सिंग मामले में मर्विन वेस्टफील्ड के साथ लिप्त पाये जाने के चलते आजीवन प्रतिंधित कर दिया.
कनेरिया के अलावा ईसीबी ने वेस्टफील्ड पर भी पांच साल का प्रतिबंध लगाया है लेकिन वह अपनी सजा के अंतिम दो वर्षों में क्रिकेट खेल सकेंगे.
ईसीबी के अनुशासनात्मक समिति ने एक बयान में कहा, ‘हम मानते हैं कि दानिश कनेरिया क्रिकेट खेल के लिये काफी खतरनाक हैं इसलिये हमें अपने खेल को उनकी भ्रष्ट गतिविधियों से बचाने के लिये हर उचित कदम उठाने होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘इसी पर चलते हुए हम सर्वसम्मति से यह मानते हैं कि इस संबंध में एकमात्र उचित कदम यही होगा कि इन आरोपों में हम उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दें.’
बयान के अनुसार, ‘इसका मतलब है कि आज से ही दानिश कनेरिया को ईसीबी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्रिकेट में खेलने के अलावा संगठन या प्रशासन में भागीदारी से प्रतिबंधित किया जाता है.’
ईसीबी के अनुशासनात्मक पैनल ने कनेरिया को उस स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाया है जिसमें वेस्टफील्ड भी दोषी पाये गये थे. वेस्टफील्ड को ईसीबी के नियमों के अंतर्गत एक अपराध का दोषी पाया गया था. कनेरिया को भी वेस्टइंडीज के लंदन कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्पॉट फिक्सिंग में शामिल पाया गया था लेकिन उन्होंने आरोपों से इंकार किया था.
जेरार्ड इलियास क्यूसी, डेविड गाबिटास और जेमी डेलरिम्पल के अनुशासनात्मक पैनल ने पाया, ‘दानिश कनेरिया ने जानबूझकर मर्विन वेस्टफील्ड को उकसाया कि वह डरहम मैच में अपनी काबिलियत के हिसाब से प्रदर्शन नहीं करे.’
एसेक्स के पूर्व तेज गेंदबाज वेस्टफील्ड के यह स्वीकार करने के बाद कि उन्होंने 2009 सितंबर में डरहम के खिलाफ प्रो40 मैच में खराब प्रदर्शन किया था, उन्हें जनवरी में चार महीने की जेल हुई थी. ओल्ड बेली में न्यायाधीश ने एसेक्स में विदेशी खिलाड़ी के तौर पर कनेरिया का नाम लिया था लेकिन पुलिस उन्हें सबूतों की कमी के आधार पर गिरफ्तार नहीं कर पायी.
यह भी पुष्टि हो गयी कि आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी और सुरक्षा इकाई ने 2008 में कनेरिया को सट्टेबाज अनु भट्ट के साथ संबंधों के लिये चेताया था.