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हाईकोर्ट की रोक के बावजूद हड़ताल पर पायलट

एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है. हड़ताल की वजह से गुरुवार को दिल्ली और मुंबई से 20 उड़ानों को रद्द कर दिया गया है.

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पायलटों की हड़ताल
पायलटों की हड़ताल

एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है. हड़ताल की वजह से गुरुवार को दिल्ली और मुंबई से 20 उड़ानों को रद्द कर दिया गया है.

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मुंबई से तीन और दिल्ली से 8 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी रद्द की गई हैं. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने हड़ताल को गैर-कानूनी करार दिया है, लेकिन पायलट हड़ताल डटे हुए हैं. उन्होंने एलान किया है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती, कोई भी काम पर नहीं लौटेगा.

दिल्ली आने वाली 12 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी रद्द बताई जा रही हैं. अब तक कुल 36 पायलटों को बर्खास्त भी किया जा चुका है.

पायलट गिल्ड ने बयान जारी कर कहा है कि अभी 300 पायलट हड़ताल पर हैं, गुरुवार को 450 पायलट काम बंद करेंगे. एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल का खासा असर पड़ा है.

राष्ट्रीय विमानन कम्पनी एयर इंडिया ने सामूहिक रूप से चिकित्सा अवकाश पर गए पायलटों में से 26 और को बर्खास्त कर दिया है. पायलटों के हड़ताल पर जाने से बुधवार को कई उड़ानें रद्द करनी पड़ी.

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उड़ान सामान्य बनाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने पायलटों को हड़ताल पर जाने से रोक लगा दी है. एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हमने 26 और पायलटों को बर्खास्त कर दिया है. हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इस तरह की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं कर सकते. इससे विमानन कम्पनी की छवि स्थायी रूप से खराब होगी.'

एयर इंडिया प्रबंधन ने मंगलवार को 10 पायलटों को बर्खास्त कर दिया था और उनके संघ 'इंडियन पायलट्स गिल्ड' (आईपीजी) की मान्यता रद्द कर दी थी. हड़ताल की वजह से मंगलवार को चार अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानों को रद्द करना पड़ा था और कई का संचालन प्रभावित हुआ.

इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उड़ानों को बहाल करने का प्रयास करते हुए पायलटों को हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए आदेश पारित किया. विमानन कम्पनी हड़ताल पर गए पायलटों के खिलाफ न्यायालय की शरण में गई थी.

एयर इंडिया को बुधवार को भी चार अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. पायलटों के विरोध पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रबंधन ने बुधवार को ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

आईपीजी के सदस्यों ने पूर्व के इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को प्रशिक्षण के लिए बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान उपलब्ध कराने का विरोध करते हुए सामूहिक रूप से चिकित्सा अवकाश लिया था.

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पायलटों के इस कारनामे को नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने 'अवैध' करार दिया था. उन्होंने कहा था, 'पायलट हड़ताल पर कैसे जा सकते हैं वह भी तब जब एयर इंडिया मुसीबत में है और उबरने के पथ पर चल रही है.'

अजित सिंह ने कहा कि यह उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को ड्रीमलाइनर पर प्रशिक्षण देने के पक्ष में फैसला सुनाया है. सिंह ने कहा, 'हड़ताली पायलट यह कैसे सोच सकते हैं कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय के विरूद्ध जाएगी?'

अजित सिंह ने कहा, 'यह हड़ताल अवैध है. हड़ताल पर जाने के अलावा भी कई रास्ते हैं. पायलटों को कुछ शिकायतें हो सकती हैं लेकिन उन्हें प्रबंधन, मुझसे और अन्य शुभचिंतकों से बात करनी चाहिए थी.'

पायलटों ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब एयरलाइन ने 42000 करोड़ रुपये के सहायता पैकेज हासिल करने के साथ छुट्टियों के समय में घाटे में कमी लाने की आशा कर रही है.

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