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ओलंपिक क्वालिफाई करने के लिए विजेंदर के पास आखिरी मौका

भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह के लिये हालात पिछले ओलंपिक की तरह ही है जब उनके पास क्वालीफाई करने का एकमात्र मौका बचा है.

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विजेंदर सिंह
विजेंदर सिंह

बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य पदक जीतकर भारतीय मुक्केबाजी के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा चुके विजेंदर सिंह के लिये हालात पिछले ओलंपिक की तरह ही है जब उनके पास क्वालीफाई करने का एकमात्र मौका बचा है. विजेंदर ने अभी तक जुलाई-अगस्त में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई नहीं किया है.

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विजेंदर ने कहा, ‘यह ऐसा समय है जिसमें मूड हर समय बदलता रहता है. कई बार अच्छा प्रदर्शन करके आलोचकों का मुंह बंद करने की प्रेरणा रहती है तो कई बार मनोबल गिर भी जाता है.’

मिडिलवेट का यह मुक्केबाज पिछले साल अजरबैजान में विश्व चैम्पियनशिप के पहले ही दौर में हार गया था जो पहला ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट था. इसके बाद उसके पास क्वालीफाई करने का सिर्फ एक मौका बचा है.

बीजिंग खेलों से पहले भी विजेंदर पहले दो क्वालीफायर में नाकाम रहा था लेकिन तीसरे और आखिरी क्वालीफायर में उसने स्वर्ण पदक जीता था. अप्रैल में होने वाले क्वालीफायर में मिडिलवेट (75 किलो) वर्ग में चार स्लॉट हैं.

उसने कहा, ‘मुझे पता है कि मेरे पास यह आखिरी मौका है लेकिन मैं विचलित नहीं हूं. मुझे खुद पर भरोसा है. ओलंपिक कोटा पाने के लिये मुझे सेमीफाइनल तक पहुंचना है जो मैं कर लूंगा.’ जब उसका आत्मविश्वास डोलता है तो वह भगवान का सहारा लेता है.

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