तीन भागों में विभाजित दिल्ली नगर निगम का पहला चुनाव 15 अप्रैल को होगा और मतों की गणना 17 अप्रैल को होगी. दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने इसकी जानकारी दी. दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से राज्य चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द करने की कई याचिकाओं को खारिज किये जाने के एक दिन बाद चुनाव की तारीखों की घोषणा की गई है.
इन याचिकाओं में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए सीट आरक्षित करने के संबंध में अपनाये गए तौर तरीकों पर प्रश्न खड़ा किया गया था. राज्य चुनाव आयुक्त राकेश मेहता ने संवाददाताओं से कहा, ‘तीनों निगमों के लिए निकाय मतदान 15 अप्रैल को होंगे और वोटों की गिनती 17 अप्रैल को होगी.’
उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता पांच मार्च से प्रभाव में आयेगी जबकि सभी 272 वाडरे के लिए नामांकन भरने का काम 19 मार्च से शुरू हो जायेगा. नामांकन की अंतिम तिथि 26 मार्च तय की गई है जबकि 28 मार्च तक नाम वापस लिया जा सकेगा. दिल्ली नगर निगम चुनाव को राज्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.
दिल्ली में नवंबर 2013 में विधानसभा चुनाव होने हैं. बहरहाल, मुख्य प्रतिद्वन्द्वी पार्टी कांग्रेस और भाजपा ने मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए अभियान पहले ही शुरू कर दिया है. कांग्रेस के वर्ग के विरोध के बावजूद एमसीडी को तीन भागों में विभाजन को पूरजोर तरीके से आगे बढ़ाने वाली मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पहले ही अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों एवं अन्य सहयोगियों को नवसृजित निकायों में पार्टी की जीत सुनिश्चित कराने के लिए पूरा दमखम लगाने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि 2007 के नगर निकाय चुनावों में भाजपा ने जीत हासिल की थी. इस बार नगर निकाय चुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अगर इस चुनाव में कांग्रेस की हार होती है तो 73 वर्षीय मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी के भीतर उन कांग्रेसी नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है जिन्होंने एमसीडी के विभाजन का विरोध किया था.
चुनावी तैयारियों का विवरण देते हुए मेहता ने कहा कि दिल्ली में 2,700 इमारतों में 12 हजार मतदान केंद्र स्थापित किये जायेंगे. चुनाव 15 अप्रैल को सुबह आठ बजे से शुरू होकर साढे पांच समाप्त होगा. इस दिन रविवार है. दिल्ली नगर निगम के लिए 15 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये जा रहे हैं और कई हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जायेगा. मतदान कार्य के लिए 70 हजार कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है.
मेहता ने कहा, ‘हम एक इमारत में अधिकतम 8 से 10 मतदान केंद्र स्थापित कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव के सुचारू संचालन के लिए 7,500 मतदान केंद्र स्तर के अधिकारी और 68 निर्वाचन अधिकारी तैनात किये जायेंगे.
इसके अलावा 34 खर्च की निगरानी करने वाले निरीक्षकों को भी तैनात किया जायेगा. उम्मीदवारों की खर्च की सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आयोग अगले कुछ दिनों में इसे अंतिम रूप देगा. गौरतलब है कि 2007 के नगर निकाय चुनाव में खर्च की सीमा 1.5 लाख रूपये तय की गई थी. इसका उल्लेख किये जाने पर मेहता ने कहा, ‘निश्चित तौर पर इसमें वृद्धि होगी.’