अगले साल के अंत तक दिल्ली मेट्रो की आठ डिब्बे वाली ट्रेनें दौड़ती दिखाई देंगी. दिल्ली मेट्रो ने यात्रियों की भारी भीड़ पर काबू पाने के लिये अपनी भविष्य की योजनाओं के तहत 136 नये डिब्बों का आर्डर दे दिया है.
डीएमआरसी के प्रमुख ई श्रीधरन ने कहा कि आज हमारी सबसे बड़ी समस्या ट्रेनों में भारी भीड़ है जिसके लिये हमने कदम उठाते हुए कई और डिब्बों के लिये आर्डर दिया है. डिब्बे मिल गये हैं. हम और डिब्बों का आर्डर दे रहे हैं तथा फिलहाल हम सभी ट्रेनों को चार से छह कोच कर रहे हैं. श्रीधरन ने शहरी विकास पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष यह बात कही. इस समिति के अध्यक्ष शरद यादव हैं.
उन्होंने समिति से कहा कि हम ट्रेनों की लंबाई आठ डिब्बे तक करना चाहते हैं और इसके लिये हमने आर्डर दे दिये हैं. मित्सुबिशी रोटेम मित्सुबिशी इलेक्ट्रिकल से 136 डिब्बे खरीदने के आदेश इस साल मार्च में दिये गये और इन डिब्बों का आना सितंबर 2012 से शुरू हो जाएगा तथा दिसंबर 2013 तक सभी डिब्बे आ जाएंगे.
डीएमआरसी के प्रवक्ता ने कहा कि नोएडा और वैशाली लाइनों पर चार डिब्बों वालीं 31 ट्रेनों को 2013 तक आठ डिब्बों वाली ट्रेनों में बदला जाएगा. उन्होंने कहा कि गुड़गांव लाइन पर चार डिब्बों वाली ट्रेनों को छठ डिब्बों वाली ट्रेनों में बदला जाएगा. इन दो लाइनों पर प्रतिदिन 12 लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं.
दिल्ली मेट्रो इस समय बमबारडिअर के अपने चार कोचों वाली ट्रेन को छह कोच वाली बना रहा है और वर्तमान बेड़े में 23 ट्रेनों को पहले ही शामिल किया जा चुका है.
आठ डिब्बों वाली ट्रेनों के आने से लोगों को भारी भीड़ की समस्या से राहत मिल सकेगी. दिल्ली मेट्रो के पास इस समय 200 ट्रेनों से अधिक ट्रेन का बेड़ा है जिससे कार्य दिवसों पर 18 लाख यात्री सफर करते हैं.
इस समय रिठाला-दिलशाद गार्डन लाइन पर 27, जहांगीरपुरी-गुड़गांव पर 62, द्वारका सेक्टर 21-नोएडा और वैशाली लाइन पर 64, मुंडका-इंदरलोक पर 18 और बदरपुर-केन्द्रीय सचिवालय लाइन पर 29 ट्रेनें हैं.
नेटवर्क में आ रही देरी की बात को स्वीकार करते हुए श्रीधरन ने माना कि कुछ समस्यायें हैं जिनकी पहचान की गई है और ट्रेनों की सभी समस्याओं को इंजीनियर ‘ठीक करने’ में सक्षम हो गये हैं.
श्रीधरन ने कहा कि चीजें पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. पिछले दो महीने से ट्रेन सेवाओं के संबंध में कोई समस्या नहीं आई हैं. संसद में हाल ही में रखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि गुड़गाव लाइन पर मेट्रो ट्रेन दो मिनट 30 सेंकेंड के अंतराल पर तथा नोएडा लाइन पर दो मिनट और 40 सेंकेंड के अंतर से चल रही हैं.
शहरी विकास मंत्रालय ने समिति को बताया कि परियोजना के तीसरे चरण में दिल्ली मेट्रो ने फरवरी में पुनरीक्षित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सरकार की स्वीकृति के लिये दाखिल की है.
परियोजना के तीसरे चरण में राजधानी के 104 किलोमीटर और इलाके को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिसपर केन्द्रीय करों सहित 35242 करोड़ रूपए की लागत आएगी.
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो देखने के लिए जाएं http://m.aajtak.in पर.