झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के किसी एक राज्य का ब्रांड दूत होने को लेकर कोई विवाद नहीं है क्योंकि वह राज्य के जन्मजात ब्रांड दूत हैं.
प्रोजेक्ट टाइगर के लिए धोनी के उत्तराखंड का ब्रांड दूत बनने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने यहो पत्रकारों से कहा, ‘इसमें कोई बुराई नहीं है कि धोनी उत्तराखंड के प्रोजेक्ट टाइगर के लिए ब्रांड दूत का काम कर रहे हैं. वह तो पूरे देश की संपत्ति हैं.’
मुंडा ने कहा, ‘जहां तक झारखंड की बात है यहां के तो वह जन्मजात ब्रांड दूत हैं. वह जो कुछ करते हैं झारखंड का नाम अपने आप होता है.’ उन्होंने कहा कि आखिर क्रिकेट्र का विश्व कप धोनी ने सिर्फ झारखंड या उत्तराखंड के लिए तो जीता नहीं है. यह कप तो उन्होंने पूरे देश के लिए जीता है.
पिछले दिनों मीडिया के एक वर्ग में इस बात को उछाला गया था कि धोनी हैं तो झारखंड के लेकिन वह यहां के प्रोजेक्टर टाइगर के ब्रांड दूत नहीं बनकर उत्तराखंड के लिए यह काम कर रहे हैं.
उत्तराखंड के कार्बेट नेशनल पार्क के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर धोनी ने उसके रामनगर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी. दूसरी ओर झारखंड के अकेले बाघ संरक्षण केन्द्र पलामू टाइगर रिजर्व के प्रमोशन के लिए भी उन्होंने समय देने का यहां के वन विभाग को वादा किया है.
धोनी का परिवार मूलत: उत्तराखंड का रहने वाला है जबकि उनके परिवार के लोग आकर झारखंड की राजधानी रांची में बस गये थे. धोनी ने विवाह भी पिछले वर्ष उत्तराखंड की ही साक्षी सिंह रावत से किया था.