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धोनी के नियंत्रण में नहीं हैं सीनियर: अकरम

पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की विवादास्पद रोटेशन नीति का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे ‘अच्छा कारण’ है क्योंकि सीनियर खिलाड़ी या तो ‘उसके नियंत्रण में नहीं’ हैं या फिर वे ‘बोझ’ बन गए हैं.

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वसीम अकरम
वसीम अकरम

पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की विवादास्पद रोटेशन नीति का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे ‘अच्छा कारण’ है क्योंकि सीनियर खिलाड़ी या तो ‘उसके नियंत्रण में नहीं’ हैं या फिर वे ‘बोझ’ बन गए हैं.

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धोनी के इस बयान ने कि सीनियर खिलाड़ी क्षेत्ररक्षण में धीमे हैं, इस तरह की अटकलें शुरू कर दी थी कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में मतभेद हैं. अकरम ने कहा कि धोनी का बयान बिलकुल वास्तविक नजरिया है.

इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, ‘मेरे नजरिये से धोनी काफी समझदार व्यक्ति है और मैं उससे पूरी तरह सहमत हूं क्योंकि वह वही कहता है जो वह सोचता है. उसके बयान के पीछे निश्चित तौर पर काफी अच्छा कारण होगा. मैंने धोनी को कभी इस तरह से बोलते हुए नहीं देखा.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि या तो सीनियर उसके नियंत्रण में नहीं हैं या फिर वे बोझ बन गए हैं.’

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान अकरम का साथ ही मानना है कि सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को एकदिवसीय प्रारूप में बने रहने के लिए शारीरिक रूप से फिट होना होगा. अकरम ने साथ ही टीम चयन में कोच डंकन फ्लैचर की भूमिका पर भी सवाल उठाए.

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उन्होंने कहा, ‘अगर मैं कोच होता तो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को पारी की शुरूआत करने के लिए भेजता. गौतम गंभीर श्रृंखला में अब तक दो बार 90 से अधिक रन बना चुका है और वह सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध सलामी बल्लेबाज है. यह फैसला टीम प्रबंधन को करना है कि उसका सलामी जोड़ीदार कौन होगा.’

उन्होंने कहा, ‘इससे आपको बायें और दायें हाथ के बल्लेबाज का संयोजन भी मिलेगा. श्रीलंका के खिलाफ मैच में हमने देखा कि खराब फार्म से जूझ रहे दोनों सलामी बल्लेबाजों ने पारी का आगाज किया और आपका सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरा. तो फिर कोच रखने का क्या फायदा अगर वह फैसला ही नहीं कर पाए.’

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