प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रक्षामंत्री एके एंटनी ने उन खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिसमें जनवरी माह में सेना की टुकडि़यों के दिल्ली की ओर बढ़ने की बात कही गई थी.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि सेना की दो प्रमुख टुकड़ियों के संदिग्ध रूप से राजधानी दिल्ली के करीब पहुंचने सम्बंधी मीडिया रिपोर्ट 'बेवजह भय पैदा करने वाली' है और इसे महत्व नहीं दिया जाना चाहिए.
रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने भी अखबार की रिपोर्ट को निराधार बताया और कहा कि सेना की देशभक्ति पर कोई संदेह नहीं है. मनमोहन सिंह यहां राष्ट्रपति भवन में पद्म अलंकरण समारोह के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'रक्षा मंत्रालय ने अपना रुख साफ कर दिया है. ये बेवजह भय पैदा करने वाली रिपोर्टें हैं. इन्हें महत्व नहीं दिया जाना चाहिए.'
सिंह ने सरकार और सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह के बीच टकराव की खबर पर भी अपनी बात रखी. प्रधानमंत्री से जब पूछा गया कि क्या सरकार और सेना प्रमुख के बीच कोई मनमुटाव है, उन्होंने कहा, 'सेना प्रमुख का पद एक गौरवशाली पद है और हम सभी का यह दायित्व है कि ऐसा कुछ न करें जिससे उसकी गरिमा को ठेस पहुंचे.'
ज्ञात हो कि समाचार पत्र 'इंडियन एक्सप्रेस' ने बुधवार को अपने प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा है कि हिसार की मेकेनाइज्ड इन्फैंट्री और आगरा की 50 पैरा ब्रिगेड की एक टुकड़ी के सैनिक जनवरी में राजधानी की ओर कूच कर गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना 16 जनवरी की रात की है, और ऐसा रक्षा मंत्रालय को पूर्व सूचना दिए जाने जैसी मानक प्रकिया का पालन किए बगैर हुआ था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि यह घटना उस दौरान की है, जब सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह अपने उम्र विवाद को लेकर सरकार के खिलाफ न्यायिक जंग लड़ रहे थे, लिहाजा इसने दिल्ली में सत्ता के गलियारों में हलचल व संदेह पैदा कर दी. रक्षा मंत्री एंटनी ने भी विशाखापत्तनम में स्पष्ट किया कि अखबार की रिपोर्ट निराधार है. वह परमाणु क्षमतायुक्त पनडुब्बी चक्र को नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल करने के लिए विशाखापत्तनम में थे.
एंटनी ने कहा, 'यह पूरी तरह निराधार है.' उन्होंने कहा कि सेना की देशभक्ति पर कोई संदेह नहीं है. यह सामान्य गतिविधि है.. इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. हम सेना की देशभक्ति को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं.' एंटनी ने मीडिया से भी अपील की कि देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों की देशभक्ति पर सवाल न खड़ा किया जाए. इसके पहले रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीतांशु कर ने विशाखापत्तनम में कहा प्रकाशित रिपोर्ट निराधार और गलत है.
कर ने कहा, 'रिपोर्ट में उठाए गए प्रश्नों पर सेना पहले ही स्पष्टीकरण दे चुकी है. इस तरह के अभ्यास सेना द्वारा समय-समय पर किए जाते हैं.' रिपोर्ट में खुद कर के हवाले से कहा गया है, 'इस तरह की रिपोर्टें पूरी तरह निराधार हैं और हम इसे सिरे से खारिज करते हैं.'
इसके पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उन्हें देश को बताना चाहिए कि आखिर 16 जनवरी को वाकई में क्या हुआ था. भाजपा नेता बलबीर पुंज ने सरकार और सेना के बीच विश्वास की कमी होने का आरोप लगाया. पुंज ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, 'यह घटना मौजूदा सरकार की कुरूप वास्तविकता को रेखांकित करती है.. यह कि सरकार अविश्वास की समस्या से जूझ रही है.'
पुंज ने कहा, 'इसके पहले उन्हें विपक्ष के साथ समस्या थी और वे विपक्ष का विश्वास खो बैठे. उसके बाद वे अपने गठबंधन में शामिल दलों का विश्वास खो बैठे. आज सरकार में ऐसी स्थिति है कि कैबिनेट मंत्री एक-दूसरे पर विश्वास नहीं करते.'
पुंज ने कहा, 'ताजा मामला यह है कि सेना और सरकार के बीच इतना बड़ा अविश्वास है और यह एक बहुत ही अभूतपूर्व स्थिति है. रक्षा मंत्री की अक्षमता और अकर्मण्यता के लिए उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए, नहीं तो प्रधानमंत्री उन्हें बर्खास्त करें, क्योंकि इस स्थिति से उबरने का और कोई उपाय नहीं है.'