रेल मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी देश में मध्यावधि चुनाव को लेकर दी गई अपनी टिप्पणी पर अब सफाई पेश करते नजर आ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में चुनाव नतीजों के बाद त्रिवेदी ने कहा था कि सपा और तृणमूल भी चाहेंगी कि देश में मध्यावधि हो ताकि वे संसद में अपनी संख्या बढ़ा सकें.
त्रिवेदी ने कहा, ‘एक व्यक्ति के तौर पर मुझे अभिव्यक्ति की आजादी एवं राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण करने का अधिकार है.’ उन्होंने जोर दिया कि विचारों के आदान-प्रदान के एक मंच पर राय दी गई थी और राजनीतिक स्थिति पर कोई बयान नहीं दिया गया था.
त्रिवेदी ने कहा, ‘राजनीति के एक विद्यार्थी के तौर पर मैं राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण कर रहा था और इसका पार्टी अथवा संप्रग का हिस्सा होने से कोई लेना-देना नहीं था.’
रेल मंत्री ने कहा, ‘मैंने जो कहा, उस पर कायम हूं, लेकिन यह आपको समझना होगा कि यह बात विचारों के आदान-प्रदान के मंच पर की गई थी. मैंने मंत्री अथवा तृणमूल के सदस्य के तौर पर विचार व्यक्त नहीं किए थे. इसका अलग मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए.’एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में त्रिवेदी ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सिर्फ तृणमूल कांग्रेस ही नहीं, सपा भी आम चुनाव कराकर बहुत खुश होगी क्योंकि इससे संख्या में इजाफा होगा.’तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने बजट सत्र से पहले त्रिवेदी की ओर से दिए गए बयान पर नाराजगी जताई थी.