संसद में रेल बजट पेश करने से पहले बुधवार को रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा है कि आम आदमी के लिए रेल बजट अच्छा होगा. रेल भारतीय अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है, इसलिए रेल का विकास होगा तभी देश का भी विकास होगा.
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी बुधवार को वर्ष 2012-13 का रेल बजट पेश करेंगे. यात्रियों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. वित्तीय संकट से गुजर रहे विश्व के दूसरे सबसे बड़े रेल नेटवर्क के लिए धन जुटाना त्रिवेदी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. बजट में किराया, नई रेलगाड़ियों की सौगात, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं पर रेल मंत्री की मेहरबानी पर लोगों की नजरें टिकी होंगी. त्रिवेदी रेल मंत्री के रूप में पहली बार रेल बजट पेश करेंगे.
वित्तीय संकट से गुजर रही भारतीय रेल को पटरी पर लाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती है. यात्री भाड़े में वृद्धि को लेकर बजट पर सबकी नजरें होंगी. पिछले कई सालों से यात्री भाड़े में वृद्धि नहीं हुई है और रेलवे के हालात को देखते हुए इस बात की आशंका है कि इस बार यात्री भाड़े में वृद्धि हो सकती है. इस बाबत रेल मंत्री भी पहले संकेत दे चुके हैं.
यात्री किराया 2002-03 के बाद बढ़ाया नहीं गया है. पूर्व रेल मंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी यात्री किराया बढ़ाए जाने के खिलाफ हैं. रेल मंत्री त्रिवेदी तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हैं.
रेलवे को पिछले साल 20 हजार करोड़ रुपये की बजटीय सहायता दी गई थी और छह फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 3000 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी थी लेकिन खराब वित्तीय प्रबंधन के कारण भारतीय रेल की आय में 7000 करोड़ रुपये की कमी आई. भारतीय रेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने वित्तीय संकट का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.
हाल ही में दो विशेषज्ञ समितियों ने कहा कि सुरक्षा और आधुनिकीकरण से सम्बंधित उनकी सिफारिशों को लागू करने के लिए रेलवे को अगले पांच सालों में लगभग नौ लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. इतनी बड़ी राशि कहां से आएगी इसे लेकर कोई स्पष्ट योजना नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस लोकसभा में अपने 19 सांसदों के साथ मनमोहन सिंह की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में मजबूत स्थिति रखती हैं और उसने खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश जैसे कई सुधारवादी कदमों पर रोक लगा दी है.