नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवमेन (एनएफआईआर) ने कहा कि केंद्र को रेलवे की माली हालत सुधारने के लिए तुंरत कदम उठाने चाहिए और वह इसे दूसरी एयर इंडिया बनने से रोकने के लिए कदम उठाए.
फेडरेशन के महासचिव एम राघवैया ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार या तो यात्री किराया बढाये या इसकी माली हालत सुधारने के लिए सब्सिडी की प्रतिपूर्ति करे. उल्लेखनीय है कि रेलमंत्री ने पिछले महीने रेल बजट में किराया बढाने की घोषणा की थी जिसे वापस ले लिया गया.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस सार्वजनिक उप्रकम के लिए कोई विस्तृत नीति लेकर नहीं आती है तो इसकी हालत भी एयर इंडिया जैसी होने वाली है. सार्वजनिक विमानन कंपनी एयरइंडिया गहरे वित्तीय संकट से जूझ रही है. भारतीय रेलवे 15 लाख लोगों से अधिक को रोजगार उपलब्ध कराती है.
राघवैया ने आरोप लगाया कि अपने स्वार्थ व राजनीतिक एजेंडे से चलने वाले राजनेता रेलवे को नुकसान पहुंचा रहे हैं. पिछले आठ साल में किराये में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है जबकि परिचालन लागत कई गुना बढ़ चुकी है. एनएफआईआर के प्रतिनिधियों ने हाल ही में वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलकात की और उन्हें रेलवे की माली हालत की जानकारी दी. राघवैया ने कहा कि प्रतिनिधि शीघ्र ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मिलेंगे.