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बजट में विकास को मिले प्राथमिकता: सीआईआई

कारोबारी जगत के प्रतिनिधि संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को 2012-13 के आम बजट में ऐसे कदमों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे विकास को बढ़ावा मिले और वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिले.

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

कारोबारी जगत के प्रतिनिधि संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को 2012-13 के आम बजट में ऐसे कदमों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे विकास को बढ़ावा मिले और वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिले.

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सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बजट पूर्व ज्ञापन में कहा, 'आम बजट 2012-13 सरकार के पास विकास को बढ़ावा देने का एक बेहतर अवसर है, जिसमें पिछले एक साल से कमी देखी जा रही है.'

केंद्रीय वित्त मंत्री ने पिछले सप्ताह कहा था कि मौजूदा कारोबारी साल में देश की आर्थिक विकास दर 7.5 फीसदी रह सकती है, जबकि बजटीय अनुमान लगभग नौ फीसदी का था.

सीआईआई ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए कुछ आक्रामक पहल करनी होगी जैसे, संयंत्र और मशीनों के मूल्य ह्रास दर में वृद्धि, निवेश भत्ता की शुरुआत, 100 बड़ी परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी, ढांचागत क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा, कर और नियामक ढांचे का सरलीकरण.

वित्तीय स्थिति को देखते हुए सीआईआई ने आर्थिक राहत मांगने से परहेज किया. बल्कि सेवा कर और उत्पाद शुल्क में किसी तरह की वृद्धि या सीमा शुल्क में कटौती से तब तक बचने का सुझाव दिया जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती.

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सीआईआई ने वित्तीय घाटा कम करने के लिए राजस्व बढ़ाने का उपाय करने और खर्च को तर्कसंगत बनाने तथा उत्पादकता बढ़ाने और सब्सिडी का बोझ कम करने पर जोर दिया.

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