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टीम अन्ना ने सांसदों को आगाह करते हुए कहा, पूरा देश देख रहा है

सांसदों के खिलाफ अपनी दलीलें जारी रखते हुए अन्ना हजारे पक्ष ने मंगलवार को संसद सदस्यों से कहा कि क्या अच्छे सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 162 संसद सदस्यों का समर्थन करेंगे या संसद को साफ-सुथरा बनाने की मांग करेंगे.

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सांसदों के खिलाफ अपनी दलीलें जारी रखते हुए अन्ना हजारे पक्ष ने मंगलवार को संसद सदस्यों से कहा कि क्या अच्छे सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 162 संसद सदस्यों का समर्थन करेंगे या संसद को साफ-सुथरा बनाने की मांग करेंगे.

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टीम अन्ना ने सांसदों को आगाह करते हुए कहा कि जनता उन्हें देख रही है. यह प्रतिक्रिया उस वक्त आई है जब संसद में जदयू अध्यक्ष शरद यादव द्वारा टीम अन्ना के खिलाफ निंदा प्रस्ताव के लिए दिये गये नोटिस को लिया जाना है. टीम अन्ना के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, ‘क्या अच्छे सांसद आज आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 162 संसद सदस्यों के साथ हैं या वे संसद को साफ-सुथरा बनाने की मांग करेंगे. आज पूरा देश देखेगा.’

टीम अन्ना की एक और सदस्य किरण बेदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘क्या हमारी संसद टीम अन्ना के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए इस बात का रचनात्मक रणनीतिक दृष्टिकोण पारित कर सकती है कि संसद को क्या जिम्मेदारी निभानी चाहिए और कैसे.’

संसद सदस्यों के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर लोकसभा में सोमवार को सांसदों ने टीम अन्ना पर निशाना साधा था. इससे पहले रविवार को जंतर मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के अनशन के दौरान वक्ताओं ने सांसदों को आड़े हाथों लिया था.

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केजरीवाल ने अपने बचाव में कहा था कि मौजूदा संसद में विश्वसनीयता की गंभीर समस्या है चूंकि वहां 162 सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. किरण बेदी ने कहा, ‘संसद का समय बहुमूल्य है. इसका बेहतर इस्तेमाल यह प्रस्ताव पारित करने में भी किया जा सकता है कि राजनीतिक दल दागी उम्मीदवारों को टिकट नहीं देंगे.’

उन्होंने कहा कि संदिग्ध आचरण वाले किसी भी सरकारी अधिकारी को पदोन्नत नहीं किया जाता लेकिन सांसदों के लिए ऐसा कुछ नहीं है. बेदी ने कहा कि हम संसद से एक रणनीतिक दृष्टिकोण पारित करने की मांग करते हैं जिसमें उन सांसदों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने वाला रवैया अपनाया जाना शामिल हो जिन पर अदालतों में मामले चल रहे हैं.

उन्होंने फिल्मों में नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल संवादों का भी जिक्र किया. बेदी ने कहा, ‘फिल्मों में नेताओं को भ्रष्ट और अनैतिक दिखाये जाने वाले संवादों को सेंसर बोर्ड की मंजूरी मिल जाती है. क्या किसी के खिलाफ कोई विशेषाधिकार हनन का मामला है.’

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