स्टार बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से अनुरोध किया है कि वह ‘अर्थहीन’ एक दिवसीय मुकाबलों की संख्या में कटौती करके रातदिन के टेस्ट क्रिकेट की संभावना तलाशे और 50 ओवर प्रारूप में विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंटों पर अपना ध्यान केंद्रित करे.
उन्होंने कहा, ‘यह दौड़ कम होनी चाहिये कि दो टेस्ट सात वन डे और कुछ ट्वेंटी-20 खेले जाएं. लोग 1985 से यह कह रहें हैं कि बहुत ज्यादा अर्थहीन एक दिवसीय खेली जा रही है. शायद अब यह समय आ गया है कि इस बारे में कुछ किया जाना चाहिये. सात एक दिवसीय मैचों की श्रृंखला आयोजित करने की कोई तुक नहीं है.’
द्रविड ने कहा, ‘भारत में अक्टूबर में भारत इंग्लैड एक दिवसीय श्रृंखला के दौरान यह संभवत: पहला मौका रहा होगा जब दर्शक मैच देखने स्टेडियम नहीं आये और यह स्थिति चिंताजनक है.’
द्रविड ने कहा, ‘जब भारत और वेस्टइंडीज ने वनडे खेला तब मैदान भरे थे लेकिन इस बार उन स्थानों पर मैच खेले गए जहां अधिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं होता है.’
सालाना ब्रैडमेन व्याख्यान देने आये द्रविड़ यह श्रेय हासिल करने वाले पहले विदेशी खिलाड़ी हैं. उनका मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में दर्शकों को खींचने के प्रयास किये जाने चाहिये.
चैम्पियनशिप 2013 में आयोजित कराने की योजना थी लेकिन प्रायोजकों और प्रसारकों की व्यस्तताओं के कारण आईसीसी ने इसे 2017 तक स्थगित कर दिया. द्रविड़ ने कहा कि यदि दर्शक टीवी पर भी मैच देखते हैं तो स्टेडियम खाली होने पर इसके कोई मायने नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘खाली पड़ी दीर्घायें टीवी पर भी अच्छी नहीं लगती. टीवी दर्शकों की संख्या कम होने का असर रेटिंग पर पड़ता है. रेटिंग गिरने पर मीडिया रणनीतिकार और विज्ञापनदाता अन्यत्र विकल्प तलाशने लगते हैं.’
द्रविड़ ने खिलाड़ियों से अपनी स्वतंत्रता और गोपनीयता के साथ कुछ हद तक समझौता करने की भी अपील की बशर्ते इससे खेल को भ्रष्टाचार से मुक्त रखने में मदद मिलती हो.