उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस को शर्मसार होना पड़ा है. निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की इस घोषणा पर कि यदि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई, तो अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरियों में 9 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा, उन्हें आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के लिए फटकार लगाई.
पंद्रह पृष्ठों के अपने आदेश में आयोग ने कहा कि सलमान खुर्शीद ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 27 फीसदी आरक्षण के तहत अल्पसंख्यकों को 9 फीसदी आरक्षण देने का 'नया' वादा कर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है.
आयोग ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया कि उन्होंने किसी धर्म, जाति या पंथ का वोट हासिल करने के मकसद से ऐसी घोषणा नहीं की थी.
चुनाव आयोग ने खुर्शीद की पार्टी के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने एक मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक कांग्रेस नेता के रूप में लोगों से वादा किया.
आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, 'आयोग सलमान खुर्शीद को दोषी मानता है और अपेक्षा करता है कि वह भविष्य में आचार संहिता का उल्लंघन जैसा कृत्य नहीं दोहराएंगे.'
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के क्रम में अपनी पत्नी लुइस के पक्ष में फर्रुखाबाद में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खुर्शीद ने आरक्षण की घोषणा की थी.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी आयोग के समक्ष उपस्थित हुए थे और उन्होंने कहा था कि खुर्शीद का वादा सशर्त घोषणा थी और उन्होंने किसी अल्पसंख्यक समुदाय का जिक्र नहीं किया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता रविशंकर प्रसाद भी अपनी शिकायत के समर्थन में आयोग के समक्ष उपस्थित हुए.