पूरा देश ही नहीं संपूर्ण क्रिकेट जगत पिछले आठ महीने से सचिन तेंदुलकर के महाशतक का इंतजार कर रहा है और यदि यह वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में बनता है तो ऐतिहासिक ईडन गार्डेन के लिये यह अब तक का सबसे यादगार पल होगा.
कोलकातावासियों को पूरा विश्वास है कि तेंदुलकर उनके शहर में ही शतकों का शतक पूरा करेंगे. उनके अपने तर्क भी हैं. उनका मानना है कि यह स्टार बल्लेबाज ऐतिहासिक ईडन गार्डेन पर शतक बनाने के लिये क्रिकेट के मक्का लार्डस से लेकर रिकाडरें की खान फिरोजशाह कोटला तक शतक बनाने से चूकते रहे.
इस स्टार बल्लेबाज के इस शतक का इंतजार पिछले आठ महीने से बना हुआ था. उन्होंने अपना आखिरी शतक इस साल विश्व कप के दौरान 12 मार्च को नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था. इसके बाद उन्होंने चार एकदिवसीय मैच तथा पांच टेस्ट मैचों की दस और इस तरह से कुल 14 पारियां खेली जिनमें वह तिहरे अंक तक नहीं पहुंच पाये.
ईडन ही वह मैदान है जहां वीवीएस लक्ष्मण ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी तथा इस बीच राहुल द्रविड़ के साथ 376 रन की साझेदारी निभाकर फालोआन के बावजूद भारतीय टीम के जीत दिलायी थी.
इस मैच से दो साल पहले तेंदुलकर पाकिस्तान के खिलाफ मैच में शोएब अख्तर की बाधा के कारण रन आउट हो गये थे जिससे दर्शक उखड़ गये थे. आखिर में तेंदुलकर को ही उन्हें समझाने के लिये आना पड़ा था.
तेंदुलकर ने इसी मैदान पर 1993 में हीरो कप के सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यादगार आखिरी ओवर किया था. तब दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिये छह रन चाहिए थे लेकिन ब्रायन मैकमिलन केवल तीन रन ही बना पाये थे. संयोग से वह ईडन में दूधिया रोशनी में खेला गया पहला मैच था.