केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कम्पनी एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल को अवैध करार दिया और उनसे तत्काल काम पर लौटने के लिए कहा. अजित सिंह ने कहा कि प्रबंधन और पायलटों के बीच बातचीत की कोई साझा जमीन तैयार नहीं हो पाई.
नाराज मंत्री ने यहां छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर संवाददाताओं को एक संक्षिप्त बातचीत में कहा कि जो (पायलट) लोग हड़ताल कर रहे हैं, उनका काम पर लौटने का इरादा नहीं है. मैं उनकी समस्या को समझने के लिए उनके साथ तीन घंटे तक बैठा. वे नई-नई शर्ते लगाते हैं और खुद ही उसे खारिज कर देते हैं.
उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ महीने की इस हड़ताल से न तो देश का भला हो रहा है न ही एयर इंडिया का. गैरमान्यता प्राप्त इंडियन पायलट गिल्ड की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि तथाकथित मसौदे पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है, इसलिए यह प्रमाणिक नहीं है.
उन्होंने कहा कि हड़ताल पर जाने से पहले पायलटों ने कोई सूचना नहीं दी थी और अदालत ने भी उनकी हड़ताल को अवैध कहा है. सिंह ने कहा कि एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति काफी लचर हो चुकी है और जब इसे 30 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया और लगा कि स्थिति में सुधार होने वाली है, तो पायलट हड़ताल पर चले गए.
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने हर स्तर पर हड़ताल कर रहे पायलटों से बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. इसलिए एयर इंडिया प्रबंधन अब स्थिति को सम्भालने के लिए नए तरीके अपना रहा है.