सचिन तेंदुलकर तो ऐतिहासिक शतक नहीं बना पाये लेकिन राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट के मक्का लार्डस पर बेजोड़ सैकड़ा जड़कर भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट में फालोआन से बचाया.
तेंदुलकर 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक के करीब पहुंचने से काफी पहले 34 रन बनाकर पवेलियन लौट गये लेकिन द्रविड़ ने लगातार विकेट गिरते रहने के बावजूद एक छोर पर ‘दीवार’ की तरह टिककर 103 रन की नाबाद पारी खेली. उनकी प्रतिबद्धता और संकल्पपूर्ण बेमिसाल पारी से भारत ने अपनी पहली पारी में 286 रन बनाये.
इंग्लैंड ने कल अपनी पहली पारी आठ विकेट पर 474 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी और उसे पहली पारी में 188 रन की बड़ी बढ़त मिली. उसने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के पांच रन बनाये. इंग्लैंड की कुल बढ़त अब 193 रन है और उसने मैच पर मजबूत शिकंजा कस दिया है.
भारत के लिये बुरी खबर यह है कि जहीर दूसरी पारी में भी गेंदबाजी के लिये नहीं उतरे. इंग्लैंड को यह बढ़त दिलाने में स्टुअर्ट ब्राड ने अहम भूमिका निभायी जिनके मैच से पहले अंतिम एकादश में शामिल होने को लेकर अटकलें लगायी जा रही थी.
ब्रॉड ने 37 रन देकर चार विकेट लिये. उनके अलावा क्रिस ट्रेमलेट ने तीन और जेम्स एंडरसन ने दो विकेट लिये. द्रविड़ ने अपने कैरियर का 33वां, इंग्लैंड के खिलाफ चौथा और लार्डस पर पहला शतक जमाया. उन्होंने इस शतक के साथ स्टीव वा (32 शतक) को भी पीछे छोड़ा. इस स्टार बल्लेबाज ने अपनी पारी में 220 गेंद खेली तथा 15 चौके लगाये.
लार्डस पर सभी की निगाहें तेंदुलकर के शतक पर जड़ी थी लेकिन द्रविड़ भारतीय पारी के नायक रहे. उन्हें सुबह जल्द ही क्रीज पर कदम रखना पड़ा और दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरने के बावजूद एक छोर से वह रन बनाते रहे. श्रीमान भरोसेमंद तब बल्लेबाजी के लिये उतरे जब भारत ने 63 रन के स्कोर पर गंभीर का विकेट गंवाया. ब्राड ने आउटस्विंगर पर गंभीर का मिडिल स्टंप उखाड़कर भारत को पहला झटका दिया था.
इसके बाद उन्होंने मुकुंद को अर्धशतक पूरा करने के उतावलेपन की सजा दी. ब्राड की बाहर जाती गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर आफ स्टंप उखाड़ गयी. तेंदुलकर ने जब क्रीज पर कदम रखा तो दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया. तेंदुलकर के महाशतक का सभी गवाह बनना चाहते थे और उन्होंने भी सकारात्मक शुरुआत की. लंच के समय भारत का स्कोर दो विकेट पर 102 रन था.
तेंदुलकर ने दूसरे सत्र के पहले ओवर में एंडरसन पर दो चौके जमाये. द्रविड़ ने भी इसी गेंदबाज के एक ओवर में तीन चौके जड़े जिसके बाद एंड्रयू स्ट्रास ने उनके स्थान पर ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान को गेंद सौंपी. तेंदुलकर हालांकि धीमे पड़ गये थे और स्ट्रास ने जब ब्राड को दूसरे स्पैल के लिये वापस लाये तो उन्होंने आते ही भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को सन्न कर दिया.
तेंदुलकर दूसरी स्लिप में स्वान को कैच देकर पवेलियन लौट गये. उन्होंने बाहर जाती गेंद को शरीर का इस्तेमाल किये बिना खेलना चाहा जो उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कैच में बदल गयी. लार्डस पर तेंदुलकर अपना पांचवां मैच खेल रहे हैं और उनका सर्वाधिक स्कोर केवल 37 रन है. अब इस मैदान पर उनका औसत 22.87 हो गया है.
ब्रॉड अपने अगले ओवर में भारत को चौथा झटका भी दे देते लेकिन स्ट्रास ने स्लिप में लक्ष्मण का आसान कैच छोड़ दिया. लक्ष्मण इसका फायदा नहीं उठा पाये और उन्होंने ट्रेमलेट की गेंद फ्लिक करके हवा में उछालकर अपनी गलती से विकेट गंवाया. स्वान ने अगले ओवर में रैना को पगबाधा आउट करके भारत का स्कोर पांच विकेट पर 183 रन कर दिया.
द्रविड़ ने इससे पहले स्वान की गेंद पर चौका जड़कर अपना स्कोर 50 रन पर पहुंचाया. इसके साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गये. उनसे अधिक रन अब तेंदुलकर के नाम पर दर्ज है. भारत जब संकट में था तब द्रविड़ और धोनी ने छठे विकेट के लिये 57 रन की साझेदारी की. इन दोनों ने तीसरे सत्र में एक घंटे से अधिक समय तक विकेट नहीं गिरने दिया.
इंग्लैंड ने 80 ओवर बाद नयी गेंद ली और ट्रेमलेट ने टीम को इसका फायदा भी दिलाया. उन्होंने धोनी को अच्छी लेंग्थ वाली गेंद पर स्लिप में कैच कराया और फिर हरभजन को विकेट के पीछे कैच देने के लिये मजबूर किया. भारत तब फालोआन से 34 रन पीछे था. प्रवीण कुमार (17) ने ब्राड के बाउंसर पर कैच देने से पहले द्रविड़ के साथ 35 रन की साझेदारी करके भारत को फालोआन से बचाया.
द्रविड़ शतक पूरा करने में सफल रहे. उन्होंने ट्रेमलेट की गेंद पर दो रन लेकर यह उपलब्धि हासिल की. एंडरसन ने इसके बाद जहीर और इशांत शर्मा को आउट करके अपने नाम पर भी विकेट लिखवाये. दिन का खेल समाप्त होने के समय स्ट्रास तीन रन पर खेल रहे थे जबकि एलिस्टेयर कुक को अभी खाता खोलना है.