इयान बेल के जानदार शतक और तीन शतकीय साझेदारियों के दम पर इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन छह विकेट पर 441 रन बनाकर 374 रन की बढ़त के साथ अपना पलड़ा भारी रखा.
बेल ने 206 गेंद में 24 चौकों की मदद से 159 रन बनाने के अलावा केविन पीटरसन (63) के साथ तीसरे विकेट के लिए 162 जबकि इयोन मोर्गन (70) के साथ चौथे विकेट के लिए 104 रन जोड़े. इसके अलावा मैट प्रायर (55 गेंद में नाबाद 64 रन) और टिम ब्रेसनेन (66 गेंद में नाबाद 47 रन) ने भी सातवें विकेट के लिए सिर्फ 17.5 ओवर में 102 रन की अटूट साझेदारी की. प्रायर ने अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का जड़ा जबकि ब्रेसनेन ने नौ चौके मारे.
इस बीच 137 रन के निजी स्कोर पर बेल को रन आउट देने पर विवाद भी हुआ लेकिन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी अपील वापस लेकर इस बल्लेबाज को वापस बुला लिया.ईशांत शर्मा की दूसरे सत्र की अंतिम गेंद पर मोर्गन ने डीप स्क्वायर लेग पर शॉट खेला लेकिन प्रवीण ने गेंद का पीछा करते हुए बाउंड्री के समीप इसे रोक दिया. इंग्लैंड के बल्लेबाजों को लगा कि यह चौका है और बेल अपनी क्रीज छोड़कर बाहर आ गये और भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने इस बीच सूझबूझ का परिचय देते हुए उन्हें रन आउट कर दिया. मैदानी अंपायरों ने फैसले के लिए टीवी अंपायर की मदद मांगी जिसने बेल को रन आउट करार दिया लेकिन धोनी ने बेल को वापस बुला लिया.
इससे पूर्व इंग्लैंड ने पहली पारी में 221 रन बनाये थे जिसके जवाब में भारत ने 288 रन का स्कोर खड़ा किया था. चौथा दिन हालांकि इंग्लैंड के बल्लेबाजों के नाम रहा जिससे भारतीय गेंदबाजों को अधिकतर समय मायूस होना पड़ा. मेजबान टीम ने आज 90 ओवर के खेल में 417 रन जोड़े जबकि इस दौरान केवल पांच विकेट गंवाये. सुबह एक विकेट पर 24 रन से आगे खेलने उतरे इंग्लैंड को बेल ने सकारात्मक शुरूआत दिलाई लेकिन दूसरे छोर पर स्ट्रास लय में नहीं दिख रहे थे.
बेल ने प्रवीण कुमार पर दो चौके जड़ने के अलावा एस श्रीसंत के तीन ओवर में तीन चौके मारे. इंग्लैंड के कप्तान स्ट्रास (16) ने भी प्रवीण पर चौका मारा लेकिन श्रीसंत ने उन्हें ऑफ साइड से बाहर की ओर जाती गेंद पर धोनी के हाथों कैच कराकर बेल के साथ उनकी 51 रन की साझेदारी का अंत किया. स्ट्रास ने 52 गेंद की अपनी पारी के दौरान केवल एक चौका मारा. स्ट्रास के आउट होने पर क्रीज पर उतरे पीटरसन को भी भारतीय गेंदबाजों ने काफी परेशान किया लेकिन बेल ने स्वच्छंद अंदाज में बल्लेबाजी जारी रखी. उन्होंने ईशांत पर लगातार दो चौकों के साथ 73 गेंद पर 50 रन पूरे किये.
लंच से पहले काफी सतर्क होकर खेल रहे पीटरसन दूसरे सत्र में बेहतरीन लय में दिखे. उन्होंने ईशांत के ओवर में तीन चौके मारे और इस बीच बेल के साथ तीसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी भी पूरी की. पीटरसन ने प्रवीण की गेंद पर चौका जड़ने के बाद इसी ओवर में एक रन के साथ अपना 24वां अर्धशतक पूरा किया. अपने पसंदीदा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे बेल ने भी श्रीसंत की गेंद पर दो रन के साथ अपने कैरियर का 15वां टेस्ट शतक पूरा किया.
बेल ने शतक के बाद आक्रामक रुख अपनाया. उन्होंने श्रीसंत पर तीन चौके जड़ने के अलावा हरभजन की गेंद को भी चार रन के लिए भेजा. श्रीसंत ने पीटरसन को कप्तान धोनी के हाथों कैच कराकर भारत को राहत पहुंचाया. पीटरसन को ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद से छेड़छाड़ का खामियाजा भुगतना पड़ा. उन्होंने 120 गेंद की अपनी पारी में सात चौके मारे. इस बीच बेल के रन आउट को लेकर भी विवाद हुआ लेकिन धोनी ने खेल भावना का परिचय देते हुए विरोधी बल्लेबाज को वापस बुला लिया.
मोर्गन ने हरभजन की गेंद पर सीधा छक्का जड़कर 60 गेंद में अपने कैरियर का तीसरा अर्धशतक पूरा किया. बेल हालांकि इसके बाद कामचलाऊ स्पिनर युवराज सिंह की गेंद पर पवेलियन लौट गये. वह युवराज की गेंद को कट करने की कोशिश में पहली स्लिप में वीवीएस लक्ष्मण को आसान कैच दे बैठे. प्रवीण ने इसके बाद मोर्गन को भी धोनी के हाथों कैच कराया. उन्होंने 88 गेंद की अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का मारा. भारतीय पारी के दौरान कंधे पर चोट लगा बैठे जोनाथन ट्राट अगली गेंद पर भाग्यशाली रहे जब अंपायर मराइस इरासमस ने प्रवीण की पगबाधा की विश्वसनीय अपील को ठुकरा दिया. टीवी रीप्ले में साफ जाहिर था कि गेंद विकेट पर लग रही थी.
ट्राट हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाये और प्रवीण ने अपने अगले ओवर में उन्हें राहुल द्रविड़ के हाथों कैच करा दिया. उन्होंने दो रन बनाये. प्रायर और ब्रेसनेन ने इसके बाद ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की. प्रायर ने श्रीसंत पर छक्का जड़ने के बाद ईशांत पर चौके के साथ सिर्फ 38 गेंद में अर्धशतक पूरा किया.