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इंग्लैंड ने भारत का सफाया किया, पारी और 8 रन से जीता

नर्वस नाइंटीज का शिकार मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर शतकों के शतक से चूक गये जबकि भारत भी इंग्लैंड के खिलाफ चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट में पारी और आठ रन की हार के साथ श्रृंखला में सूपड़ा साफ होने से नहीं बचा पाया.

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टीम इंडिया
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नर्वस नाइंटीज का शिकार मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर शतकों के शतक से चूक गये जबकि भारत भी इंग्लैंड के खिलाफ चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट में पारी और आठ रन की हार के साथ श्रृंखला में सूपड़ा साफ होने से नहीं बचा पाया.

इसके साथ ही आईसीसी रैंकिंग में टीम का तीसरे स्थान पर खिसकना भी तय हो गया. तेंदुलकर ने 172 गेंद की अपनी पारी में 11 चौकों की मदद से 91 रन बनाये और नाइट वाचमैन अमित मिश्रा (141 गेंद में 84 रन, 10 चौके) के साथ चौथे विकेट के लिए 144 रन जोड़े.

जब ये दोनों बल्लेबाज क्रीज पर थे तब लग रहा था कि भारत इस मैच को ड्रा कराने में सफल रहेगा लेकिन टीम अपने अंतिम सात विकेट 21 रन पर गंवाने के साथ 283 रन पर सिमट गई और श्रृंखला 4-0 से गंवा बैठी. तेंदुलकर अपने कैरियर में नौवीं बार नर्वस नाइंटीज का शिकार हुए.

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इंग्लैंड की ओर से ग्रीम स्वान ने फिरकी की जादू चलाते हुए 106 रन देकर छह विकेट चटकाये. इससे पूर्व टीम ने अपनी पहली पारी छह विकेट पर 591 रन बनाने के बाद घोषित की थी जिसके जवाब में टीम इंडिया 300 रन ही बना सकी थी और फालोआन खेलने उतरी थी.

इससे साथ ही अब जब आईसीसी अपनी नयी रैंकिंग जारी करेगा जो उसमें इंग्लैंड दुनिया की नंबर एक जबकि भारत दुनिया की तीसरे नंबर की टीम होगा. भारत ने श्रृंखला की शुरूआत नंबर एक टीम जबकि इंग्लैंड ने तीसरी टीम के रूप में की थी.

आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1999-2000 में तीन मैचों की श्रृंखला 3-0 से गंवाने के बाद यह पहला मौका है जब दो से अधिक मैचों की श्रृंखला में भारत का वाइटवाश हुआ है. इंग्लैंड ने इससे पहले पिछली बार 1974 में अपनी सरजमीं पर भारत का सूपड़ा साफ किया था जब मेजबान टीम ने 3-0 से श्रृंखला जीती थी.

द ओवल मैदान पर बड़ी संख्या में दर्शक तेंदुलकर के शतकों के शतक को पूरा होते हुए देखने पहुंचे थे लेकिन यह दिग्गज बल्लेबाज 70 और 85 रन के निजी स्कोर पर मिले जीवनदान के बावजूद 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा नहीं कर पाया. दोनों मौकों पर बदकिस्मत गेंदबाज स्वान ही रहे.

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इससे पहले सुबह का सत्र भारतीय बल्लेबाजों के नाम रहा जिन्हांेने 30 ओवर तक इंग्लैंड के गेंदबाजों को विकेट से महरूम रखा जबकि इस दौरान 87 रन जुटाये लेकिन इंग्लैंड ने दूसरे सत्र में जोरदार वापसी करते हुए 26 ओवर में 67 रन खर्च करके मेहमान टीम के बाकी सात विकेट भी चटका दिये.

सुबह तीन विकेट पर 129 रन से आगे खेलने उतरे भारत को तेंदुलकर और मिश्रा ने सतर्क शुरूआत दिलाई. दोनों ने हालांकि लय में आने के बाद कुछ आकषर्क शाट खेले.

तेंदुलकर ने जेम्स एंडरसन पर दो चौकों के साथ शुरूआत की जबकि इसी गेंदबाज पर एक रन के साथ 74 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया. दूसरी तरफ मिश्रा ने भी अपने तेवर दिखाये और ग्रीम स्वान पर दो जबकि स्टुअर्ट ब्राड पर एक चौका जड़ा.

दोनों बल्लेबाजों ने एक दो रन लेकर स्कोरबोर्ड को चलयमान रखने की कोशिश की लेकिन खराब गेंद को नसीहत देने में भी कोई कोताही नहीं बरती. मिश्रा ने टिम ब्रेसनेन की गेंद को लांग आन पर एक रन के लिए खेलकर टीम का स्कोर 200 रन तक पहुंचाया. उन्होंने इसी तेज गेंदबाज पर दो रन के साथ 103 गेंद में अपने कैरियर का दूसरा अर्धशतक पूरा किया और फिर इसी ओवर में चौका भी जड़ा.

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इस दिग्गज बल्लेबाज को चाय विश्राम के बाद स्वान की गेंद पर एक और जीवनदान मिला जब विकेटकीपर मैट प्रायर तेंदुलकर के बल्लेबाज को छूकर आई गेंद को अपने दस्तानों में नहीं जकड़ सके. एक गेंद बाद अंपायर ने तेंदुलकर के खिलाफ स्वान की पगबाधा की विश्वसनीय अपील भी ठुकरा दी.

तेंदुलकर इसके बाद केविन पीटरसन की गेंद को मिडविकेट से चार रन के लिए भेजकर नाइंटीज में पहुंच. मिश्रा ने भी स्वान की गेंद पर चौके के साथ अपने कैरियर के पहले शतक की ओर कदम बढ़ाया लेकिन इस आफ स्पिनर ने एक गेंद बाद नाइट वाचमैन के तौर पर आये मिश्रा की पारी का अंत किया.

ब्रेसनेन ने अगले ओवर में तेंदुलकर को भी पगबाधा आउट करके भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को मायूस कर दिया. इस दिग्गज बल्लेबाज को अब अंतरराष्ट्रीय शतकों का शतक पूरा करने के लिए तीन सितंबर से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही एकदिवसीय श्रृंखला का इंतजार करना होगा.

स्वान ने रैना को भी पगबाधा आउट किया जो पहली पारी की तरह इस बार भी खाता खोलने में विफल रहे. टीवी रीप्ले में हालांकि साफ दिखा कि गेंद विकेट से नहंी टकरा रही थी.

स्टुअर्ट ब्राड ने इसके बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (03) और आरपी सिंह (00) को चार गेंद के भीतर पवेलियन भेजा जबकि स्वान ने गौतम गंभीर (03) और एस श्रीसंत (06) को आउट करके इंग्लैंड को जीत दिलाई.

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