मजबूत जर्मनी को सेमीफाइनल में चित करने के बाद उत्साह से ओतप्रोत इटली यूरो 2012 के रविवार को होने वाले फाइनल में यूरोपीय फुटबाल का नया बादशाह बनने की कोशिश करेगा तो मौजूदा चैंपियन स्पेन लगातार तीन प्रमुख टूर्नामेंट जीतने का रिकार्ड बनाने के लिये मैदान पर उतरेगा.
इटली का फाइनल तक का सफर नाटकीय रहा. मारियो बालोटेली के दम पर सेमीफाइनल में जर्मनी को 2-1 से हराने के बाद लगता है कि अजूरी सही समय पर फार्म में लौट आये हैं. मौजूदा विश्व और यूरोपीय चैंपियन स्पेन लगातार तीन प्रमुख टूर्नामेंट जीतने वाली पहली टीम बनने की दहलीज पर खड़ा है.
पुर्तगाल के खिलाफ दोनेस्क में सेमीफाइनल में पेनल्टी शूटआउट की जीत के दौरान हालांकि उसकी टीम आशानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पायी थी.
शुरू से ही खिताब के प्रबल दावेदार रहे स्पेन ने क्वार्टर फाइनल में फ्रांस के खिलाफ 2-0 की जीत में दबदबा बनाये रखा था, लेकिन पुर्तगाल के खिलाफ वह इस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाया. इसके विपरीत जिस इटली को टूर्नामेंट से पहले खिताब के प्रबल दावेदारों में नहीं गिना जा रहा था, उसने इंग्लैंड और फिर जर्मनी को बाहर का रास्ता दिखाया तथा अब वह दूसरी बार यूरोपीय चैंपियन बनने से केवल एक कदम दूर है.
इटली की टूर्नामेंट की तैयारियां कैलसियोकोमेसे के मैच फिक्सिंग प्रकरण से प्रभावित रही लेकिन लगता है कि उसकी टीम फिर से विषम परिस्थितियों में परचम लहराने के लिये तैयार है. इटली की टीम को विश्व कप 1986 और 2006 दोनों टूर्नामेंट में खिताबी जीत से पहले भी मैच फिक्सिंग के विवादों से जूझना पड़ा था.
इटली के कोच सेसारे प्रानडेली किसी तरह का दावा नहीं करना चाहते हैं और उनका मानना है कि कीव के ओलंपिक स्टेडियम में उनकी टीम ‘अंडरडॉग’ के तौर पर शुरुआत करेगी. पिछले अगस्त में मैत्री मैच में इटली ने स्पेन को 2-1 से हराया था लेकिन प्रानडेली ने कहा, ‘स्पेन प्रबल दावेदार है क्योंकि वे कई वर्षों से इस पर काम कर रहे हैं और उन्होंने प्रत्येक मैच में दबदबा बनाये रखा. हमारा मुकाबला एक बेहतरीन टीम से होगा जो हमेशा अपना खेल खेलने में सक्षम है.’
स्पेन और इटली के बीच ग्रुप सी का पहला मैच 1-1 से ड्रॉ रहा था. तब एंतोनियो डि नताले ने इटली की तरफ से गोल किया लेकिन सेस फ्रेब्रेगास ने उसकी बराबरी कर दी. यह चौथा अवसर है जबकि अपने पहले मैच में आमने सामने रहने वाली टीमें फाइनल में एक दूसरे से भिड़ेंगी. आखिरी बार ऐसा यूरो 2004 में हुआ था जबकि यूनान ने दो बार मेजबान पुर्तगाल को उलटफेर का शिकार बनाया था.
इटली ने तीन सप्ताह पहले गडान्स्क में स्पेन को सफलतापूर्वक नियंत्रण में रखा था. तब प्रानडेली ने 3-5-2 का प्रारूप अपनाया था. इससे उसके रक्षकों ने स्पेन के अग्रिम पंक्ति के तीन खिलाड़ियों को खुलकर नहीं खेलने दिया. फेब्रेगास को उस मैच में स्पेन ने ‘फाल्स नाइन’ (सेंटर फारवर्ड) के रूप में उतारा था लेकिन लगता है कि स्पेन के कोच विसेंटे डेल बोस्क अब भी तय नहीं कर पाये हैं कि उनके आक्रमण का सर्वश्रेष्ठ अगुआ कौन है.
फर्नांडो टोरेस को आयरलैंड पर 4-0 और क्रोएशिया पर 1-0 की जीत में आगे रखा गया जबकि पुर्तगाल के खिलाफ शुरू में अलवारो नेगरेडो ने मुख्य स्ट्राइकर की भूमिका निभायी लेकिन दूसरे हाफ में उनके स्थान पर फेब्रेगास को भेजा गया. मजबूत फर्नांडो लोरेंटे को अभी तक पोलैंड और उक्रेन में चल रहे इस टूर्नामेंट में नहीं उतारा गया है जबकि एथलेटिक बिलबाओ की तरफ से उन्होंने इस सत्र में शानदार प्रदर्शन किया था.
एक स्ट्राइकर आत्मविश्वास से ओतप्रोत है और वह इटली का बालोटेली है जिन्होंने जर्मनी के खिलाफ पहले हाफ में दो गोल करके अपनी टीम की जीत सुनिश्चित की थी. विवादों में रहे इस 21 वर्षीय फुटबालर ने अंतिम सीटी बजने के बाद दर्शकों के बीच जाकर अपनी दत्तक मां को गले लगाकर टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ तस्वीरों में से एक मुहैया करायी थी.
उन्होंने अब तक टूर्नामेंट में तीन गोल किये हैं और वह संयुक्त शीर्ष पर हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि रविवार को वह इसमें इजाफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. घाना में जन्में मैनचेस्टर सिटी के इस स्ट्राइकर ने कहा, ‘मैंने अपनी मां के सामने दो गोल किये तथा कीव में मैं अपने पिता के सामने चार गोल करना चाहूंगा.’ टूर्नामेंट के आयोजक एक यादगार फाइनल की उम्मीद लगाये बैठे हैं लेकिन यदि स्पेन को अनुशासित और प्रतिबद्ध इटली से पार पाना है तो उसे नींद से जागना होगा.
पुर्तगाल के खिलाफ 120 मिनट तक मैदान पर रहने से भी उसके खिलाड़ी प्रभावित होंगे लेकिन उन्हें विश्राम के लिये एक अतिरिक्त दिन भी मिला है. स्पेन के कोच डेल बोस्क भी यूरोपीय चैंपियनशिप, विश्व कप और चैंपियन्स लीग जीतने वाले पहले कोच बनने के करीब हैं. इस मैच में टूर्नामेंट के दो बेजोड़ मिडफील्डर स्पेन के आंद्रियास इनेस्टा और इटली के आंद्रिया पिलरे भी आमने सामने होंगे. रविवार को होने वाले मैच में स्पेन अपने यूरोपीय खिताब का सफल बचाव करने वाला पहला देश बनने की भी कोशिश करेगा.