विधानसभा चुनाव में कई नतीजे तो इतने अप्रत्याशित और चौंकाने वाले हैं कि उनके ऊपर कई दिनों तक चर्चा गर्म रहेगी.
सबसे चौंकाने वाला नजीता आया उत्तराखंड से. यहां बीजेपी ने साफ-सुथरी छवि वाले भुवन चंद्र खंडूड़ी को चुनाव से करीब 4 माह पहले एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी थमाई और उन्हें बीजेपी की ओर से अगला मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी घोषित किया. लेकिन रिजल्ट इतना चौंकाने वाला आया कि स्वयं बीजेपी और खंडूड़ी ही नहीं विपक्षी पार्टियां भी इसे आसानी से नहीं पचा पा रही हैं. कोटद्वार से चुनाव लड़े मेजर भुवन चंद्र खंडूड़ी कांग्रेस के सुरेन्द्र सिंह नेगी से हार गए. जबकि भ्रष्टाचार के आरोपों में हटाए गए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपनी सीट पर जीत दर्ज की.
उधर उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी को एक करारा झटका लगा जब पत्थरदेवा सीट से यूपी बीजेपी अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस की पारंपरिक सीट अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी अमिता सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के गायत्री प्रसाद प्रजापति से करीब सात हजार मतों से पराजित हुईं. सपा ने यह सीट कांग्रेस से छीनी है. कद्दावर बाहुबली नेता डीपी यादव को भी सहसवां सीट से हार का सामना करना पड़ा. केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद भी फर्रूखाबाद सीट कांग्रेस की झोली में नहीं ला पायी.
पंजाब में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार अमरिन्दर सिंह खुद तो 42 हजार से ज्यादा मतों से जीत गए लेकिन उनके बेटे रानिन्दर सिंह 6930 वोट से सामना सीट गंवा बैठे. पंजाब के पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल गिदड़बाहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं. नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नि नवजोत कौर पहली बार चुनाव लड़ी और सबकी उम्मीदों पर खरी उतरते हुए उन्होने जीत दर्ज की.