अगर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर आपके दोस्त के पोस्ट को आपके पोस्ट की तुलना में ज्यादा लोग पसंद करते हैं तो क्या आप निराश हो जाते हैं? अगर हां, तो ऐसा सिर्फ आपके ही साथ नहीं हो रहा है.
एक सर्वेक्षण के मुताबिक ट्विटर और फेसबुक जैसी साइटों पर अपने दोस्तों से आगे निकलने की होड़, लोगों को कुंठित बनाने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास पर भी असर डाल रही है.
टेलीग्राफ समाचार पत्र के मुताबिक इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाले आधे से ज्यादा लोगों का मानना था कि इन साइटों ने उनके व्यवहार को बदल दिया है और वे सोशल मीडिया के कुप्रभाव का शिकार हो चुके हैं. जबकि दो-तिहाई लोगों का मानना था कि इन साइटों पर वक्त बिताने के बाद वे आराम नहीं कर पाते. वहीं एक चौथाई लोगों ने माना कि इन साइटों के चलते वे झगड़ालू हो गए हैं जिसका खामियाजा उन्हें अपने रिश्तों और कार्यस्थलों पर चुकाना पड़ रहा है.
ब्रिटेन की सैलफोर्ड विशवविद्यालय बिजनेस स्कूल को ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण में 298 लोगों ने भाग लिया. इनमें से 53 फीसदी लोगों का मानना था कि सोशल नेटवर्किंग ने उनके व्यवहार में बदलाव ला दिया है और उनमें से 51 फीसदी ने इसे नकारात्मक प्रभाव बताया.
55 फीसदी लोगों का कहना था कि अगर वे अपने फेसबुक अकाउंट या ई-मेल अकाउंट को किसी वजह से खोल न पाएं तो वे चिंतित हो जाते हैं. इससे पता चलता है कि किस तरह से इंटरनेट की लत ने लोगों को जकड़ में ले लिया है.