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कर्नाटक के सियासी संकट में उलझी बीजेपी

कर्नाटक के सियासी संकट का अब तक कोई हल नहीं निकाला जा सका है. बीजेपी को केंद्रीय नेतृत्‍व इस्‍तीफा देने वाले मंत्रियों को मनाने का प्रयास कर रहा है, जबकि ये मंत्री अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

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बीजेपी
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कर्नाटक के सियासी संकट का अब तक कोई हल नहीं निकाला जा सका है. बीजेपी को केंद्रीय नेतृत्‍व इस्‍तीफा देने वाले मंत्रियों को मनाने का प्रयास कर रहा है, जबकि ये मंत्री अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

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कर्नाटक में भाजपा सरकार के नवीनतम संकट के हल के मिशन पर आए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के दूत धर्मेंद्र प्रधान ने नौ मंत्रियों से इस्तीफा वापस लेने के लिए कहा. इन नौ मंत्रियों के इस्तीफे से डीवी सदानंद गौड़ा सरकार संकट में घिर गयी है.

कर्नाटक के पार्टी मामलों के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली रवाना होने से पहले बैंगलोर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने सभी नौ मंत्रियों को नेतृत्व के मुद्दे के हल का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपना अपना इस्तीफा वापस लेने को कहा है.’

उन्होंने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री वीडी सदानंद गौड़ा और उनके पूर्ववर्ती बीएस येदियुरप्पा के प्रतिद्वंद्वी गुटों के साथ जो बातचीत हुई है, उससे वह केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करायेंगे. येदियुरप्पा खेमा नेतृत्व परिवर्तन की मांग पर अड़ा है. उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस मुद्दे को हल कर लेगा.

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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘मैं केंद्रीय नेताओं से चर्चा करूंगा और आशा करता हूं कि उनके द्वारा एक अच्छा निर्णय लिया जाएगा.’

प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ चर्चा के बाद धर्मेंद्र प्रधान आरएसएस नेताओं से मिले और उन्होंने उन्हें सदानंद गौड़ा को मुख्यमंत्री पद से हटाने के वास्ते भाजपा आलाकमान पर दबाव डलाने के लिए नौ मंत्रियों द्वारा इस्तीफा देने से उत्पन्न स्थिति के बारे में अवगत कराया.

दोनों ही धड़ों के बीच तलवार खिंच जाने पर प्रधान को संकट को दूर करने के लिए केंद्रीय दूत के रूप में यहां भेजा गया था.

फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने में अपने पिछले प्रयासों में विफल रहने के बाद येदियुरप्पा सदानंद गौड़ा को निशाना बना रहे हैं. वह चाहते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया जाए एवं जगदीश शेट्टार को नया मुख्यमंत्री बनाया जाए. दिलचस्प बात है कि कभी सदानंद गौड़ा येदियुरप्पा के समर्थक और निष्ठावान थे लेकिन अब दोनों के बीच पटरी नहीं बैठती.

पार्टी आलाकमान ने शनिवार को इस संकट के हल के लिए सदानंद गौड़ा को दिल्ली बुलाया था.

येदियुरप्पा खेमा सदानंद गौड़ा को हटाने के एकसूत्री एजेंडे पर अड़ा है, जिससे प्रदेश भाजपा में तूफान के कम नहीं होने का नाम नहीं ले रहा है और इसी वजह से मुख्यमंत्री को दिल्ली से बुलावा आया.

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येदियुरप्पा के समर्थक नौ मंत्रियों के इस्तीफे से संकट के और गहराने के एक दिन बाद सदानंद गौड़ा ने पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप से इसका हल निकल जाने का विश्वास प्रकट किया.

सदानंद गौड़ा से भेंट करने वाले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने कहा है कि इस्तीफा स्वीकार करने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

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