दिल्ली पुलिस ने दो साल की अचेत बच्ची फलक से जुड़े मामले में एक महिला से पूछताछ के बाद इस रहस्य से पर्दा हटाने के करीब पहुंचने का दावा किया है. बच्ची अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है.
पुलिस ने बताया कि लगभग 30 वर्ष उम्र की महिला लक्ष्मी से पूछताछ की जा रही है और रहस्य से पर्दा हटने ही वाला है. उसके बयान के आधार पर फलक को अस्पताल लाए जाने से लेकर समूचे प्रकरण की कड़ी जोड़ने में पुलिस सक्षम हो जाएगी.
पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष सितम्बर में बच्ची की वास्तविक मां उसे पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर स्थित लक्ष्मी के घर में छोड़कर चली गई थी. बच्ची की वास्तविक मां का नाम मुन्नी है. उन्होंने बताया कि मुन्नी लक्ष्मी के घर में कुछ दिन रही थी. उसने लक्ष्मी से कहा था कि पति ने उसे छोड़ दिया है और उसे किसी के सहारे की जरूरत है.
उसके चले जाने के बाद लक्ष्मी ने फलक को कुछ दिन अपने पास रखा. लेकिन उसकी देखभाल करने में जब उसे दिक्कत महसूस हुई तब उसने बच्ची को किसी अन्य व्यक्ति के हवाले करने का निर्णय लिया. शर्मा ने बताया, 'लक्ष्मी सम्पन्न परिवार से नहीं है. उसके अपने चार बच्चे हैं. उसका पति आंशिक रूप से प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है.'
शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि लक्ष्मी ने फलक से छुटकारा पाने के लिए 28 वर्षीय राजकुमार गुप्ता उर्फ दिलशाद से सम्पर्क किया. राजकुमार बच्ची को अपनाने के लिए राजी हो गया. पुलिस राजकुमार को तलाश रही है. यह अनैतिक किस्सा यहीं खत्म नहीं होता. राजकुमार जब फलक को द्वारका स्थित अपने घर में ले गया तो उसकी पत्नी ने बच्ची की देखभाल करने से इनकार कर दिया.
शर्मा ने बताया कि राजकुमार के बच्चों में से एक शारीरिक तौर पर विकलांग है. पुलिस उपायुक्त के अनुसार राजकुमार के अन्य बच्चे मुम्बई में नाना-नानी के पास रहते हैं. पत्नी के इनकार के बाद राजकुमार ने फलक को अपनी दोस्त उस किशोरी को सौंप दिया जिसने अस्पताल में खुद को फलक की मां होने का दावा किया था. इस वर्ष जनवरी में राजकुमार अपने विकलांग बेटे का इलाज कराने उसे मुम्बई ले गया और संभवत: वह इस समय वहीं है.
इस बीच किशोरी फलक की सही तरीके से देखभाल नहीं कर पाती थी और परेशान होकर उसे मारती-पीटती थी. अंतत: किशोरी ने बच्ची को 18 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती करा दिया.
शर्मा ने कहा कि गुप्ता के पास दो टैक्सी है जिसे वह हवाई अड्डे से चलाता है. उसने द्वारका में एक फ्लैट किराए पर दे रखा है जिसका किराया 11000 रुपये आता है. पुलिस की एक टीम मुम्बई में गुप्ता की तलाश में जुटी है. जांचकर्ताओं ने मुम्बई में गुप्ता के ससुराल में छापे मारे लेकिन वह वहां से बच निकला.