मनोविज्ञानियों ने इस बात को सही बताया है कि अगर अवसाद छाने लगे तो उससे उबरने में दोस्त बहुत बड़ा सहारा होता है.
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि अवसाद के समय अगर भरोसेमंद मित्र को एक फोन कर दिया जाए तो यह समस्या आसानी से दूर हो सकती है. अगर दोस्त सामने आ जाए तो कहना ही क्या. परेशानी का हल पलक झपकते ही निकल जाता है.
‘द टेलीग्राफ’ की खबर में कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने उन करीब 5,500 लोगों के नतीजों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है जो लोग अवसाद के लिए ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस के तहत ‘टाकिंग क्योर’ थरेपी ले रहे थे.
इनमें से आधे लोग काउंसलर के पास गए जबकि आधे ने बताया कि उन्होंने फोन पर ही थेरेपी ली और वह भी अपने दोस्त के रूप में.