आयकर विभाग को उम्मीद है कि इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल करने का प्रचलन इस साल जोर पकड़ेगा और करीब सवा दो करोड़ रिटर्न ‘ई-फाइलिंग’ के जरिये भरी जायेंगी.
आयकर विभाग सूत्रों के अनुसार निर्धारण वर्ष 2012-13 में इलेक्ट्रानिक प्रणाली के जरिये अधिक रिटर्न भरे जाने की उम्मीद है.
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ‘इस साल 2.25 करोड़ आयकर रिटर्न ई-फाइलिंग के जरिये भरे जाने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल 1.64 करोड़ रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के जरिये भरी गई.’ अधिकारी का कहना है कि इलेक्टॉनिक प्रणाली के जरिये रिटर्न भरने से सरकारी प्रक्रिया शीघ्र पूरी होती है और रिफंड आदि भी जल्द मिलता है. इलेक्ट्रोनिक प्रणाली वाले रिटर्न बैंगलूर स्थित केन्द्रीकृत प्रसंस्करण केन्द्र में जांचे जाते हैं.
व्यक्तिगत आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है और रिटर्न कागज पर छपे आईटीआर फार्मों के जरिए भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं.
इस बार राजधानी में आईटीआर फॉर्म जमा कराने वालों की भीड़ से निटने के लिए रामलीला मैदान के पास स्थित ‘सिविक सेंटर’ में विशेष काउंटर खोले जायेंगे. पहले प्रगति मैदान में ऐसी व्यवस्था की जाती थी.
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की विज्ञप्ति के अनुसार दिल्ली नगर निगम के ‘सिविक सेंटर’ स्थित आयकर विभाग के नये कार्यालय में 26, 27 और 30 जुलाई को प्रात: दस बजे से सांय पांच बजे तक और 31 जुलाई को प्रात: दस बजे से शाम आठ बजे तक रिटर्न दाखिल किए जा सकेंगे.
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फरवरी 2012 में एक अधिसूचना जारी कर सालाना पांच लाख रुपये तक की कमाई करने वाले वेतनभोगी तबके को निर्धारण वर्ष 2012-13 के दौरान आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता से मुक्त कर दिया है. पर ऐसे करदाताओं को रिफंड का दावा करना है या उन्हें विभाग की ओर से कोई नोटिस मिला है तो उन्हें रिटर्न दाखिल करना होगा. आयकर विभाग के नियमों के अनुसार यदि आपकी केवल वेतन और ब्याज से आय है तो आपको आईटीआर-एक फॉर्म में रिटर्न भरना होगा.
वेतन के अलावा संपत्ति से होने वाली आय और पूंजीगत लाभ से आय का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए आईटीआर-दो तथा व्यक्तिगत व्यवसाय अथवा बिजनेस से आय वालों के लिए आईटीआर-4 पर रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था है.
वर्ष 2011-12 में हुई आय पर चालू वित्त वर्ष यानी निर्धारण वर्ष 2012-13 के दौरान भरी जाने वाली आयकर रिटर्न में एक लाख 80 हजार रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं देना होगा. महिलाओं के लिये 1.90 लाख तक की आय करमुक्त है. इसके उपर पांच लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत, पांच से आठ लाख रुपये की आय पर 20 तथा आठ लाख रुपये से उपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर देय है.
पिछले साल के बजट में वरिष्ठ नागरिकों की पात्रता आयु को 65 से घटाकर 60 वर्ष कर दिया गया और उनकी 2.40 लाख के बजाय ढाई लाख रुपये की सालाना आय को करमुक्त कर दिया गया. पूर्व वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2011-12 के बजट में 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के बुजुर्ग नागरिकों की एक नई श्रेणी बनाई जिसमें उनकी पांच लाख रुपये सालाना की आय को कर मुक्त कर दिया गया.