भारतीय मछुआरों की हत्या मामले में इटली के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी ने बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह से फोन पर बातचीत की. मोंटी ने कहा कि इटली के सुरक्षाकर्मियों को भारत की जेल में बंद करने और उन पर सुनवाई करने से मामला गम्भीर मोड़ ले सकता है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 'इटली के प्रधानमंत्री ने दो भारतीय मछुआरों की मौत पर संवेदना प्रकट की और दुर्घटना पर अफसोस जताया.'
मंत्रालय ने कहा, 'दोनों नेताओं ने भारत और इटली के गहराते रिश्ते की महत्ता को रेखांकित किया और इस मामले को कानून और मित्रता की भावना के अनुरूप सद्भावपूर्ण माहौल में निपटा लेने पर सहमति जताई.'
इसके पहले, इटली के विदेश मंत्रालय ने रोम में भारतीय राजदूत देबब्रत साहा को संदेश दिया कि केरल के तिरूवनंतपुरम स्थित एक जेल में दो सुरक्षाकर्मियों को रखा जाना उन्हें स्वीकार्य नहीं है.
इटली के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक विदेश मंत्री गिलिओ तेर्जी ने राजदूत को बताया कि सुरक्षाकर्मियों की गिरफ्तारी पर इटली में भारी आक्रोश है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षाकर्मियों मैसिमिलिआनो लातोर एवं साल्वातोर गिरोन को विशेष सुविधाएं दी जानी चाहिए. इस समय उन्हें जेल के एक हिस्से में बने कमरे में रखा जा रहा है जो संतोषजनक नहीं है.
ज्ञात हो कि तेर्जी गत 28 फरवरी को भारत की यात्रा पर आए थे और उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष एस.एम. कृष्णा के साथ इस मसले पर चर्चा की लेकिन दोनों पक्ष अपने मतभेदों को दूर करने में असफल रहे. इटली का कहना है कि घटना अंतर्राष्ट्रीय जलसीमा में हुई, इसलिए इसकी सुनवाई अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत होनी चाहिए.
वहीं, नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मामले में इटली ने अपना रुख दोहराया है. इटली ने कहा कि सुरक्षाकर्मी विशेष छूट पाने के हकदार हैं.
सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली ने कहा कि चूंकि मामला भारतीय अदालत में है, इसलिए इस पर फैसला वही करेगा. सूत्रों ने मामले का हल अदालत से बाहर निकालने की चर्चा की सम्भावना से इनकार किया.