पिछले तीन दिन में यवतमाल के 4 कपास उत्पादक किसानों ने आत्महत्या कर ली.
किसान हितों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने कहा है कि स्थानीय निकाय के लिए होने वाले चुनावों को लेकर लागू आदर्श चुनाव संहिता के कारण स्थानीय प्रशासन ने ऋण से दबे किसानों को सहायता देना बंद कर दिया. इस वजह से किसानों ने आत्महत्या की.
विदर्भ जन आंदोलन समिति के किशोर तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सभी अधिकारी चुनावों में व्यस्त हैं और प्रदेश चुनाव आयोग ने राहत सहायता रोक दी है, जिससे इलाके में समस्या बढी है.