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4 राज्यों में प्रणब को पूरे वोट मिलने की संभावना

राष्ट्रपति पद के चुनाव में केरल, त्रिपुरा, नगालैंड और सिक्किम से कोई भी मत संप्रग प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी के विरोध में पड़ने की संभावना नहीं है, जिससे विपक्षी उम्मीदवार पीए संगमा को निराशा हाथ लग सकती है.

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति पद के चुनाव में केरल, त्रिपुरा, नगालैंड और सिक्किम से कोई भी मत संप्रग प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी के विरोध में पड़ने की संभावना नहीं है, जिससे विपक्षी उम्मीदवार पीए संगमा को निराशा हाथ लग सकती है.

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केरल, त्रिपुरा, नगालैंड और सिक्किम में सांसदों और विधायकों वाले लगभग सभी राजनीतिक दलों ने आधिकारिक तौर पर प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने का ऐलान किया है. हालांकि केरल और त्रिपुरा में ज्यादा प्रतिनिधित्व वाले भाकपा और आरएसपी ने मतदान से खुद को अलग रखने का फैसला किया है.

नगालैंड और सिक्किम में जनप्रतिनिधियों के पूरे वोट मुखर्जी को मिलने की संभावना है. सभी राज्यों में माकपा सहित लगभग सभी दलों के वोट संप्रग प्रत्याशी को मिलेंगे. माकपा पहले ही मुखर्जी को समर्थन का ऐलान कर चुकी है.

कुल मिलाकर, राष्ट्रपति पद के चुनावों में समर्थन देने के दलों के आश्वासन के बाद मुखर्जी की राह बेहद आसान हो जाने की संभावना है. उनके कुल मतों का मूल्य कम से कम 6.50 लाख है जो कि आवश्यक आंकड़े 5,49,442 से बहुत ज्यादा है.

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राजग के सहयोगियों शिवसेना और जदयू ने जहां भाजपा की सोच से अलग हो कर मुखर्जी को समर्थन देने की बात कही है, वहीं उनके प्रतिद्वन्द्वी पक्ष की ओर प्रतिकूल आंकड़े हैं. संगमा को करीब 3.20 लाख वोट मिलने का अनुमान है. अगर तृणमूल कांग्रेस का समर्थन मिला तो उन्हें करीब 3.65 लाख वोट मिल सकते हैं.

निर्वाचक मंडल के वोटों का मूल्य 10,98,882 है. केरल में 140 विधायक हैं तथा लोकसभा और राज्यसभा में राज्य के 29 सदस्य हैं. इनमें से भाकपा के 13 और आरएसपी के दो विधायक तथा भाकपा के एक सांसद मतदान में भाग नहीं लेंगे. राज्य के वोटों का मूल्य 41,812 है. मुखर्जी को 38,830 वोट मिलने की संभावना है जबकि अनुपस्थित सदस्यों के वोटों का मूल्य 2,988 होगा. त्रिपुरा में 60 विधायकों और तीन सांसदों के साथ मुखर्जी को जो वोट मिलेंगे उनका मूल्य 3,606 हो सकता है. भाकपा और आरएसपी के तीन विधायक मतदान से अलग रहेंगे जिनके वोटों का मूल्य 78 होगा.

नगालैंड और सिक्किम के वोटों का मूल्य क्रमश: 1,956 और 1,640 है. मेघालय संगमा का गृह राज्य है जहां के वोटों का मूल्य 3,204 है. इस राज्य में दिलचस्प स्थिति हैं. यहां कांग्रेस नीति गठबंधन के कुछ क्षेत्रीय दल 19 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव में ‘माटी पुत्र’ के लिए समर्थन जता रहे हैं. मतगणना 22 जुलाई को होगी.

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फिलहाल लाख टके का सवाल है कि संगमा की बेटी और संप्रग सरकार में मंत्री आगाथा किसे वोट देंगी क्योंकि खुद उनकी पार्टी राकांपा ने मुखर्जी के लिए समर्थन का ऐलान किया है.

कांग्रेस नेता और मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने राष्ट्रपति पद के चुनावों में जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने के संगमा के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष इस तरह का आचरण नहीं कर सकते.

तृणमूल कांग्रेस मतदान से 72 घंटे पहले अपने फैसले का ऐलान करेगी. राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर तृणमूल संप्रग से अलग रवैया अपनाए हुए है और कांग्रेस इस सहयोगी को वापस लाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. पूर्व वित्त मंत्री, 77 वर्षीय मुखर्जी के समर्थकों में सपा, बसपा, माकपा, फारवर्ड ब्लॉक और जद एस सहित अन्य दल शामिल हैं. कांग्रेस की पसंद के खिलाफ जाने के तृणमूल कांग्रेस के फैसले के बाद संप्रग का आंकड़ा घट कर 4.12 लाख रह गया है.

सपा के वोटों का मूल्य 66,688 है जबकि बसपा के वोटों का मूल्य 45,473 है. इन दोनों के साथ साथ 40,737 मूल्य के वोट वाले जदयू, 18,495 मूल्य के वोट वाले शिवसेना, 6,138 मूल्य के वोट वाले जदएस, 41,000 मूल्य के वोट वाले माकपा और फारवर्ड ब्लाक एवं अन्य दलों के समर्थन से मुखर्जी 6.50 लाख वोट मिलने की उम्मीद कर सकते हैं.

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राष्ट्रपति पद के निर्वाचक मंडल में 4,896 सदस्य हैं जिनमें से 776 संसद सदस्य और 4,120 विधायक हैं. अगर सभी सदस्य मतदान करते हैं तो 5,49,442 से अधिक वोट पाने वाले प्रत्याशी को विजेता घोषित किया जाएगा.

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