फ्रांस के प्रमुख यहूदी संगठन द्वारा आयोजित रात्रिभोज में फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने इजरायल के प्रति मित्रता प्रदर्शित करते हुए कहा कि ईरान के साथ समाधान निकालने के लिए सैन्य कार्रवाई कोई मुद्दा नहीं है.
इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु संस्थानों पर हमले की अटकलों पर अमेरिकी चिंताओं के मद्देनजर सार्कोजी ने इजरायल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और इस बात पर भी जोर दिया कि समाधान कभी सैन्य तरीके से नहीं निकाला जाएगा.
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र की पाबंदियों के संदर्भ में सार्कोजी ने कहा, ‘समाधान राजनीतिक है, समाधान कूटनीतिक है, समाधान प्रतिबंधों में है.’
संभावित सैन्य कार्रवाई के मामले में सार्कोजी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि इस देश के नेता समझें कि उन्होंने सीमारेखा पार की है साथ ही इजरायली नेताओं को भरोसा दिलाना चाहते हैं ताकि कुछ भी ऐसा नहीं हो जिसे सुधारा नहीं जा सके.’ तेहरान के इस्लामी नेताओं ने इजरायल के विनाश की बात कही है.
वहीं ईरान ने इस बात पर जोर दिया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है और उसका मकसद बिजली निर्माण तथा असैन्य परियोजनाओं पर काम करना है. सार्कोजी ने कहा कि इजरायल को अपने पड़ोसी के तौर पर शांतिपूर्ण फलस्तीनी देश की जरूरत है.
उन्होंने इशारा किया कि जर्मनी के साथ फ्रांस की ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता आज अहम यूरोपीय गठजोड़ में बदल गयी है जो कि फलस्तीनियों व इजरायलियों के लिए संभावित मॉडल हो सकता है. उन्होंने यूनेस्को में फलस्तीन की सदस्यता के अपने फैसले का भी बचाव किया.