भारतीय सेना के पास गोला-बारूद आदि तमाम युद्धक साजो-सामान की कमी की खबरों के बीच सैन्य क्षमता में किसी प्रकार की कमी को नकारते हुए सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने कहा है कि यदि सेना को लड़ाई का मौका मिलता है, तो वे अपनी क्षमता व पूरे जोश के साथ लड़ाई के लिए तैयार है.
जनरल वीके सिंह पिछले दो माह से चल रहे युद्धाभ्यास ‘शूरवीर’ के समापन के अवसर पर अंतिम तैयारियों का जायजा लेने के लिए आए थे.
बुधवार को सूरतगढ़ पहुंचे सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने पहले रात में, फिर गुरुवार की सुबह सेना की स्ट्राइक वन कोर के साठ हजार जवानों द्वारा किए जा रहे युद्धाभ्यास का नजारा देखा. एक वर्ष के भीतर यह सेना का तीसरा अभ्यास है, जिसमें वायुसेना ने भी कदम से कदम मिलाकर सेना का साथ दिया.
एक घंटे तक चले भीषण युद्धाभ्यास के बाद उन्होंने संवाददाताओं के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने संसद की स्थाई समिति द्वारा भी सेना के पास गोला-बारूद की कमी की पुष्टि किए जाने पर सेना की तैयारियों पर पड़ने वाले असर के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि सेना अपनी जगह पूरी तरह तैयार है. यदि उसे लड़ाई का मौका मिला, तो उसके पास जो कुछ भी है वह उसी के साथ पूरे जोश-ओ-खरोश व देशप्रेम से लड़ाई लड़ेगी.
वीके सिंह ने सेना को साजो सामान मुहैया कराने में बरती जा रही प्रक्रिया में बदलाव लाए जाने की जरूरत के सवाल पर कहा कि अब तो स्थाई समिति ने भी कहा है कि सेना को जो भी जरूरत है, वह समय पर और सही मात्रा में पूरी होती रहे.
उन्होंने युद्धाभ्यास के बारे में बताते हुए कहा कि यह साउथ वेस्टर्न कमाण्ड का सबसे बड़ा अभ्यास है. संवाददाताओं द्वारा टेट्रा ट्रक की खरीद के मामले में और जनरल विक्रम सिंह पर लगे आरोपों जैसे सवालों पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
वीके सिंह ने कहा कि वह सेनाध्यक्ष के अपने कार्यकाल से पूरी तरह खुश हैं और अपने मकसद को पूरा करने में सफल रहे हैं. हालांकि उन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद की योजनाओं के बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया. वे इस माह के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति से जुड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में कोई विचार नहीं है.
इससे पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने राजस्थान के मरुस्थल में किए गए युद्धाभ्यास का अवलोकन किया. उनकी अगवानी लेफ्टिनेंट जनरल अफसर कमांडिंग इन चीफ सप्त शक्ति कमान जनरल एके सिंह ने की. इस अवसर पर साउथ वेस्टर्न कमाण्ड के कमाण्डर लेफिटनेंट जनरल ज्ञानभूषण और थलसेना तथा वायुसेना के अनेक अधिकारी भी उपस्थित थे.